देहरादूनः उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम में इस साल मौसम ने 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1980 के दशक के बाद यह पहली बार है जब अक्टूबर के पहले सप्ताह में बर्फबारी हुई है, जिसने स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को हैरान कर दिया है. बद्रीनाथ धाम में 1984-85 में 14 अक्टूबर को पहली बर्फबारी हुई थी. तब से लेकर 2025 तक, अक्टूबर के शुरुआती दिनों में बर्फबारी नहीं हुई. लेकिन इस वर्ष अक्टूबर माह में ही बर्फबारी हो गई है.
बर्फबारी होते ही बद्रीनाथ धाम में अचानक ठंड बढ़ गई है. इसके अलावा पिथौरागढ़ के ऊंचे इलाकों में मौसम की पहली बर्फबारी हुई है. व्यास घाटी के नाभीढांग और आदि कैलास क्षेत्र में शाम होते ही बर्फबारी शुरू हो गई. बर्फबारी होने से तापमान में भी गिरावट दर्ज हुई है. ऊपरी इलाकों में बर्फबारी के साथ ही निचले इलाकों में बारिश हुई है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब में सोमवार दोपहर के बाद से बर्फबारी जारी है.
बद्रीनाथ धाम में लगातार चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछने लगी है. वहीं बद्रीनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्री धाम में हो रही बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं. बद्रीनाथ धाम में सोमवार को 5000 से अधिक तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंचे हैं. अभी तक बद्रीनाथ धाम में 14 लाख से अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं. बदलते मौसम से हालांकि बद्रीनाथ धाम में थोड़ी ठंड जरूर बढ़ गई है. उसके बावजूद भी यात्री दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं और बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गंगोत्री व यमुनोत्री की चोटियां भी बर्फ से ढक गई हैं. चारधाम सहित ज्यादातर चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई है. यह शीतकाल का पहला स्नोफॉल है. इसके अलावा आदि कैलास व ओम पर्वत पर यात्रियों को मौसम का पहला स्नोफॉल देखने को मिला है. पिथौरागढ़, बागेश्वर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में कहीं-कहीं भारी बारिश, चोटियों पर बर्फबारी होने की संभावना है.