बदरी-केदार की चोटियों और हेमकुंड में बर्फबारी

देहरादून : उत्तराखंड में मानसून बिदा होने से पहले जमकर बरस रहा है। रविवार को बदरीनाथ, केदारनाथ की चोटियों के साथ हेमकुंड साहिब में बर्फबारी हुई। जबकि निचले क्षेत्रों में दिनभर रुक-रुककर वर्षा होती रही।

लगातार वर्षा के कारण अधिकतम तापमान में दो से पांच डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आज भी नैनीताल और चंपावत जनपदों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने का अनुमान है। इन दोनों जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

वहीं अन्य जिलों में कुछ स्थानों पर आकाशीय बिजली चमकने के साथ एक से दो दौर तेज वर्षा हो सकती है। मौसम का यह मिजाज 12 अक्टूबर तक बना रहेगा। इसके बाद आसमान साफ होने की उम्मीद है।

रविवार को बर्फबारी व बारिश का असर हेमकुंड यात्रा पर पड़ा। बर्फबारी के चलते प्रशासन ने रविवार को घांघरिया में 370 यात्रियों हेमकुंड को रोका है। हालांकि तड़के से 40 से अधिक यात्री हेमकुंड साहिब जाकर वापस लौट आए। हेमकुंड साहिब में सात इंच से ज्यादा बर्फ जमी है।

बदरीनाथ धाम की चोटियों पर बर्फबारी हो रही है। बदरीनाथ हाईवे नंदप्रयाग में दो घंटे सुबह भूस्खलन के कारण बंद रहा। हालांकि वाहनों को सेकोट कोठियालसैंण मोटर मार्ग से निकाला जाता रहा। केदारनाथ धाम की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी होने से मौसम ठंडा हो गया है। वर्षा और बर्फबारी के बीच केदारनाथ धाम में यात्रियों की आवाजाही जारी है।

पौड़ी मंडल मुख्यालय से सटे क्षेत्रों में रविवार को दिन भर वर्षा होती रही। चमोली जिले के गैरसैंण में लगातार वर्षा के कारण जनजीवन प्रभावित है। बीती रात गैरसैंण नगर पंचायत स्थित वार्ड नंबर एक में वर्षा के दौरान एक मकान ढह गया। किसी तरह वहां रह रहे लोगों ने भागकर जान बचाई।

हल्द्वानी : कुमाऊं मंडल में पिछले 48 घंटे से हो रही वर्षा से जनजीवन प्रभावित है। नदी-नाले उफान पर हैं तो नदी किनारे के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग आपदा को लेकर आशंकित हैं। बारिश से हाईवे समेत 83 सड़कें बाधित हैं और बिजली व पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। सीमांत पिथौरागढ़ जिले में चौथे दिन भी तवाघाट-लिपुलेख, थल-मुनस्यारी और चम्पावत-पिथौरागढ़ सीमा हाईवे बंद होने से आवागमन प्रभावित हुआ।

मौसम विज्ञान केंद्र की भारी वर्षा की चेतावनी के बीच चंपावत, अल्मोड़ा व नैनीताल में सोमवार को 12वीं तक के विद्यालय बंद कर दिए गए हैं। वहीं, पिथौरागढ़ जिला प्रशासन ने बिना अनुमति किसी को भी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में न जाने की चेतावनी जारी की है। इसके लिए उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही पुलिस को भी सतर्क किया है।

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