देहरादून: प्रदेश में भारी वर्षा बर्फबारी का सिलसिला जरूर धीमा पड़ा है, लेकिन अब भी पहाड़ से लेकर मैदान तक बादल मंडरा रहे हैं। कहीं-कहीं अंधड़ और आलोवृष्टि के आसार बने हैं। धूप खिलने से तापमान में कुछ बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं दोपहर बाद केदारनाथ व बदरीनाथ में बारिश और बर्फबारी हुई।
मौसम विभाग के अनुसार आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा-बर्फबारी के आसार हैं। निचले इलाकों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि व अंधड़ की चेतावनी दी गई है।उत्तराखंड में मई की शुरुआत से ही लगातार मौसम करवट बदल रहा है। प्रदेशभर में भारी वर्षा और बर्फबारी दर्ज की गई। पश्चिमी विक्षोभ अतिसक्रियता के कारण मौसम का मिजाज बदला रहा।
मई के पहले सप्ताह में प्रदेश में औसत 42 मिलीमीटर वर्षा हुई। जो कि सामान्य वर्षा (13 मिमी) से 250 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान सबसे अधिक वर्षा हरिद्वार (80 मिमी) और सबसे कम पौड़ी (27 मिमी) रिकार्ड की गई। इस दौरान तापमान भी लगातार सामान्य से कम बना रहा।
रविवार को सुबह मौसम ने एक बार फिर करवट बदली और प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बादलों की गरज के बीच अंधड़ चला। कहीं-कहीं हल्की बौछार और ओलावृष्टि की भी सूचना है। यमुनोत्री में हल्की बर्फबारी हुई, जबकि अन्य धामों में बादल छाये रहे।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार सोमवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है। जबकि, मैदानी क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि और 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से झक्कड़ चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
सरोवर नगरी में रविवार दोपहर मौसम ने पलटी मारी। करीब एक घंटे मूसलधार वर्षा के साथ ओलावृष्टि भी हुई। वर्षा से नाले उफान पर आ गए और सड़कें जलमग्न हो गई। रविवार सुबह नगर का मौसम सामान्य बना हुआ था। धूप खिली हुई थी और वर्षा का जरा भी अंदेशा नहीं था।
दोपहर बाद अचानक आसमान में बादल घिर आए। दो बजते ही मूसलधार वर्षा शुरू हो गई। ऊंचाई वाले पर्यटन स्थलों की सैर पर गए सैलानी परेशान रहे। सड़कों में पानी जमा होने से लोगों को आने जाने में भारी दिक्कत हुई। सिंचाई विभाग के झील नियंत्रण कक्ष के अनुसार झील का जल स्तर पांच फीट पर स्थिर है।
जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 16 व न्यूनतम सात डिग्री सेल्सियस रहा। आद्रता अधिकतम 85 व न्यूनतम 60 फीसद दर्ज की गई। बारिश आठ मिमी हुई।