बर्फबारी ने जोशीमठ में बढ़ाई दुश्वारियां

जोशीमठ: शनिवार को भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ में मौसम साफ बना रहा है। धूप खिलने से लोगों ने कड़ाके की सर्दी से राहत महसूस की। लेकिन बीते 24 घंटे से आपदा प्रभावित जोशीमठ में जारी बर्फबारी से आमजन की दुश्वारियां बढ़ने के साथ अधिकारियों की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं।

शुक्रवार को दो होटलों के साथ लाल निशान लगे भवनों के डिस्मेंटलिंग का काम भी रुका रहा। हालांकि असुरक्षित भवनों के चिह्नीकरण और परिवारों को राहत कैंप में शिफ्ट करने की प्रक्रिया जारी रही। उधर, बर्फबारी से भवनों और भूमि की दरारों में पानी रिसने से भूधंसाव की आशंका गहरा गई है। यदि ऐसा हुआ तो असुरक्षित भवनों के आसपास सुरक्षित भवनों को भी खतरा हो सकता है।

बीती गुरुवार रात से ही जोशीमठ क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी हो रही है, जो शुक्रवार को दिनभर रुक-रुककर जारी रही। इसके चलते दो होटलों समेत 20 भवनों की डिस्मेंटलिंग का काम नहीं हो पाया। इसके चलते बदरीनाथ हाईवे पर सीएमपी चेकपोस्ट से मारवाड़ी तिराहे तक यातायात दिनभर सुचारु रहा। डिस्मेंटलिंग के चलते हाईवे के इस हिस्से पर वाहनों की आवाजाही बंद की गई थी।

लगातार बर्फबारी से भवनों और भूमि में आई दरारों के अंदर पानी के रिसाव से भूधंसाव की भी आशंका जताई जा रही है। भू विज्ञानी भी बता चुके हैं कि यदि इन दरारों में अधिक पानी का रिसाव हुआ तो यह भूस्खलन का रूप ले सकता है। यदि ऐसा हुआ तो खाली कराए गए असुरक्षित भवनों के आसपास के क्षेत्र में फिलहाल सुरक्षित भवनों को भी खतरा हो सकता है।

प्रशासन इन्हीं खतरों से निपटने के लिए दरारों में मिट्टी भरने का तर्क दे रहा था। जबकि, बर्फ पिघलने से दरारों में भरी मिट्टी भी बह रही है। औली से लगे सुनील क्षेत्र में बर्फबारी का ज्यादा प्रभाव है। यहां असुरक्षित भवनों को बर्फ के पानी से रिसाव का ज्यादा खतरा है, जो पूरे नगर के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है।

जोशीमठ के 1500 से अधिक परिवारों के पास करीब तीन हजार मवेशी हैं, जो अभी भी असुरक्षित मकानों में ही हैं। राहत शिविरों में रहने वाले लोग भी दिनभर चारा-पानी के चलते अपने भवनों के आसपास ही रहते हैं।

ऐसे में यदि मकान क्षतिग्रस्त होता है तो पशुओं को रखने के लिए स्थान का संकट खड़ा हो जाएगा। हालांकि प्रशासन की ओर से 100-100 क्षमता के दो प्री फ्रेबिकेटेड काऊ शेड बनवाए जा रहे हैं। लेकिन, अभी निर्माण में समय लगेगा।

भूधंसाव के कारण आपदा प्रभावितों के लिए जोशीमठ से एक किलोमीटर पहले टीसीपी तिराहे के पास उद्यान विभाग की भूमि पर माडल प्री-फेब्रीकेटेड भवन बनाने का काम आरंभ हो गया है। हालांकि शुक्रवार को वर्षा व बर्फबारी के कारण कार्य प्रभावित रहा।

शनिवार को मौसम साफ रहने पर फिर से माडल प्री-फेब्रीकेटेड भवन बनाने का कार्य आरंभ होगा। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि सीबीआरआइ की ओर से टीसीपी तिराहे के पास भूमि का सर्वेक्षण भी किया गया है।

प्री-फेब्रिकेटेड भवन में वन बीएचके से थ्री बीएचके के तीन माडल घर तैयार किए जा रहे हैं। वन बीएच के में एक कमरा, किचन, शौचालय की सुविधा होगी, जबकि थ्री बीएचके में तीन कमरों के साथ अन्य सुविधा होगी।

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