चारधाम में अब तक 17 ने गंवाई जान

बड़कोट: यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए गुजरात निवासी एक व्यक्ति की हृदय गति रुकने से मौत हुई है। अब तक यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए नौ, गंगोत्री धाम की यात्रा पर आए छह और केदारनाथ धाम की यात्रा पर आए दो तीर्थयात्रियों की हृदयगति रुकने से मौत हो चुकी है। इसके अलावा यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर दो तीर्थ यात्रियों की चोटिल होने से भी मौत हुई है।

सोमवार की सुबह करीब 8:45 बजे जानकी चट्टी में मुकेश कुमार पटेल (65) निवासी के-130 अदसवाला बुल, नियर प्रगति मण्डल हॉल बल्लभ विधानगर आनंद गुजरात अपनी पत्नी के साथ यमुनोत्री धाम जाने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान मुकेश कुमार की तबीयत बिगड़ी और वह बेहोश होकर गिर पड़े। मुकेश की पत्नी नीता बेन ने मुकेश को बेहोशी की हालत में किसी तरह से जानकी चट्टी चिकित्सालय पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इससे पहले रविवार को भी यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र निवासी दो तीर्थ यात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी। रविवार को संजना बाई पवार (67) निवासी ग्राम गोठानिया खुर्द, तहसील पेटलावद जिला झाबुआ मध्य प्रदेश की यमुनोत्री धाम जाते समय मौत हो गई।वहीं जानकी चट्टी से यमुनोत्री जाते हुए बाला साहेब दगडू (64) निवासी बर्सली पार्क, कापरेटिव हाउसिंग सोसाइटी माणिक नगर नासिक महाराष्ट्र की हृदय गति रुकने से मौत हुई है।

वहीं पौड़ी जिला प्रशासन की ओर से चारधाम यात्रा के ऋषिकेश से देवप्रयाग तक के पौराणिक पैदल पथ यात्रा को पुनर्जीवित करने को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई है। गंगा पैदल पथ यात्रा 13 मई को आयोजित होगी। आयोजन की खास बात यह है कि यात्रा के समापन पर देवप्रयाग में भव्य गंगा आरती का आयोजन भी होगा। इसके अलावा यात्रा रुट पर सुरक्षा के इंतजाम भी रहेंगे।

जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान की पहल पर चारधाम यात्रा के पौराणिक पैदल मार्ग पर आगामी 13 मई को गंगा पैदल पथ यात्रा आयोजित होने के दृष्टिगत तैयारियां भी शुरु कर दी गई है। दूरस्थ पैदल मार्ग पर जहां स्थित खराब है, उन्हें दुरस्त करने के लिए प्रशासन की ओर से धनराशि भी स्वीकृत कर दी गई है। इस सब के बीच यह अभिनव पहल ठीक से धरातल पर साकार हो, इसके लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति भी गठित की गई है जो यात्रा के समापन पर देवप्रयाग में गंगा आरती को लेकर सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करेगी।

गंगा पैदल पथ यात्रा में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी हो इसके लिए प्रचार- प्रसार समिति के गठन के अलावा उदघाटन समिति, परिवहन समिति, जलपान व स्वास्थ्य, सुरक्षा समिति का भी गठन किया गया। जिसमें संबंधित विभागों के अधिकारियों को बेहतर व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यात्रा के दौरान स्वास्थ्य, सुरक्षा के दृष्टिगत शुरुआत से लेकर समापन तक एसडीआरएफ टीम, मेडिकल टीम, वन सुरक्षा कर्मी तैनात रहेगी।

जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने बताया कि चारधाम यात्रा के पौराणिक पैदल मार्ग को पुर्नजीवित किए जाने की दिशा में यह पहल की गई है। कहा कि दूरस्थ गांवों में जहां मार्ग चटटानी रास्तों से गुजर होकर जाता है, वहां मार्ग ठीक किए जाने के लिए धनराशि भी स्वीकृत कर दी गई है। उन्होने कहा कि पैदल यात्रा के दौरान सभी व्यवस्थाएं पहले ही दुरस्त हो, इसके लिए संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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