उदय दिनमान डेस्कः इस बार महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। पहला संयोग यह कि इस बार महाशिवरात्रि सोमवार को पड़ रही है। सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है और इस दिन महाशिवरात्रि पड़ना एक महासंय़ोग ही है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर इस साल श्रेष्ठ श्रवण नक्षत्र का संयोग बना है। इस नक्षत्र में भगवान शिव की अराधना बहुत ही फलदायी मानी जाती है।
भगवान शंकर के बारे में कहा जाता है कि भगवान शंकर बहुत जल्दी अपनो भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं। माना जाता है कि इस रात में विधिवत साधाना करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। बता दें कि यूं तो हर महीने की कृष्णपक्ष चतुर्दशी को मास शिवरात्रि मानते हैं लेकिन फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि की प्रधानता दी गई है। मान्यता है कि इस दिन ही भगवान शिव का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था।
वैसे तो शिव पूजन का विधान श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को करें और महाशिवरात्रि के दिन गाय के घी में कपूर मिला कर महामृत्युंजय मंत्र से 108 आहुति अग्नि में दें और रुद्राक्ष माला को गले में धारण कर लें। इस दिन गंगा जल में गाय का दूध मिला कर शिवलिंग का अभिषेक कर चन्दन, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, फल अर्पित करें और महामृत्युंजय मंत्र की तीन माला का जाप करें।
इस दिन रुद्राक्ष की माला धारण करना भी शुभ माना जाता है।महाशिवरात्रि के दिन कच्चे दूध में गंगा जल मिला कर शिवलिग का अभिषेक कर चन्दन, पुष्प, धूप, दीप आदि से पूजा करें । महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा में बिल्वपत्र का प्रयोग करें । तीन पत्तियों वाला बिल्वपत्र शिवजी को बहुत प्रिय है। भगवान शिव की पूजा में पहला स्थान इसी पत्र का होता है। माना जाता है कि बिल्वपत्र की तीनों पत्तियां भगवान शिव के तीन नेत्रों का प्रतीक है। चार मार्च को जुटेंगे श्रद्धालु
महाशिवरात्रि व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष सोमवार 4 मार्च को दिन में 4 बजकर 11 मिनट से चतुर्दशी लग रही है, जो मंगलवार 5 मार्च को सायं 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। अर्धरात्रिव्यापिनी ग्राह्य होने से 4 मार्च को ही महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इस अवसर में मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटेगी। इसकी तैयारी चल रही है। श्रद्धालुओं को कोई असुविधा नहीं हो, इस हिसाब से तैयारी हो रही है।