डेंगू रोकथाम के उपाय के बारे में जागरूक किया

रुद्रप्रयाग:बरसात के मौसम में डेंगू रोग की आशंका के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा बेला व खुरड़ में घर-घर भ्रमण कर लार्वा निरोधात्मक कार्यवाही की व डेंगू रोकथाम के उपाय के बारे में जागरूक किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 एचसीएस मर्तोलिया के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बेला व खुरड़ के 55 घरों में भ्रमण किया। इस दौरान टीम द्वारा घरों में पानी की टेंक का निरीक्षण किया, टायर, गमलों, फ्रीज ट्रे आदि उन वर्तनों से पानी साफ करवाया जहां डेंगू के मच्छर के पनपने की आशंका होती है। सर्वे के दौरान बुखार का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि रूके हुए पानी में डेंगू का मच्छर पनपने की आशंका बनी रहती है, लिहाजा डेंगू से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय यह है कि डेंगू के मच्छर को पनपने ही न दें, इसके लिए घरों, स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों के आस-पास पानी एकत्रित न होने दें, उन्होने जल भंडारण की वस्तुओं को ढक कर रखने, कूलर, फूलदान, टंकी आदि ऐसी चीजें जहां पानी एकत्र हो सकता है

वहां पानी एकत्र  न होने दें व इन स्थानों पर सप्ताह में एक बार सफाई करने तथा डेंगू के मच्छर से बचाव हेतु पूरी बांहों वाले कपड़े पहनने, मच्छरदानी, मच्छर नाशक क्रीम, स्प्रे आदि का प्रयोग करने की अपील की है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 16 मई से डेंगू रोकथाम के विषयक लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डेंगू रोग रोकथाम के तहत सीएचसी अगस्त्यमुनि में 6, सीएचसी जखोली, पीएचसी ऊखीमठ, माधवाश्रम चिकित्सालय में में 02-02 आईशोलेशन वार्ड सहित कुल 12 आइसोशलन वार्ड बनाए गए हैं व वार्ड नोडल की तैनाती भी कर दी गई है।
लार्वा निरोधक दल में डा0 शाकिब हुसैन, डा0 रासिका, माइक्रोबॉयोलाजिस्ट मोहित, ब्ला समन्वयक आशा कार्यक्रम रचना भट्ट, आशा फेसिलिटेटर सरिता, आशा कार्यकत्री मंगला आदि मौजूद रहे। बरसात के मौसम में डेंगू रोग की आशंका के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा बेला व खुरड़ में घर-घर भ्रमण कर लार्वा निरोधात्मक कार्यवाही की व डेंगू रोकथाम के उपाय के बारे में जागरूक किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 एचसीएस मर्तोलिया के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बेला व खुरड़ के 55 घरों में भ्रमण किया। इस दौरान टीम द्वारा घरों में पानी की टेंक का निरीक्षण किया, टायर, गमलों, फ्रीज ट्रे आदि उन वर्तनों से पानी साफ करवाया जहां डेंगू के मच्छर के पनपने की आशंका होती है। सर्वे के दौरान बुखार का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि रूके हुए पानी में डेंगू का मच्छर पनपने की आशंका बनी रहती है, लिहाजा डेंगू से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय यह है कि डेंगू के मच्छर को पनपने ही न दें, इसके लिए घरों, स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों के आस-पास पानी एकत्रित न होने दें, उन्होने जल भंडारण की वस्तुओं को ढक कर रखने, कूलर, फूलदान, टंकी आदि ऐसी चीजें जहां पानी एकत्र हो सकता है

वहां पानी एकत्र  न होने दें व इन स्थानों पर सप्ताह में एक बार सफाई करने तथा डेंगू के मच्छर से बचाव हेतु पूरी बांहों वाले कपड़े पहनने, मच्छरदानी, मच्छर नाशक क्रीम, स्प्रे आदि का प्रयोग करने की अपील की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 16 मई से डेंगू रोकथाम के विषयक लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि डेंगू रोग रोकथाम के तहत सीएचसी अगस्त्यमुनि में 6, सीएचसी जखोली, पीएचसी ऊखीमठ, माधवाश्रम चिकित्सालय में में 02-02 आईशोलेशन वार्ड सहित कुल 12 आइसोशलन वार्ड बनाए गए हैं व वार्ड नोडल की तैनाती भी कर दी गई है।    लार्वा निरोधक दल में डा0 शाकिब हुसैन, डा0 रासिका, माइक्रोबॉयोलाजिस्ट मोहित, ब्ला समन्वयक आशा कार्यक्रम रचना भट्ट, आशा फेसिलिटेटर सरिता, आशा कार्यकत्री मंगला आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *