राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि को निकाला मार्च

देहरादून। लंबित मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए देहरादून के गांधी पार्क से शहीद स्मारक तक मार्च निकाला। इस दौरान मुजफ्फरनगर, खटीमा और मसूरी गोलीकांड के दोषियों को सजा दिलाने, राज्य आंदोलनकारियों का 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण शिथिलीकरण एक्ट लागू करने आदि मांग की। इस दौरान आंदोलनकारियों ने ये भी कहा कि सरकार की अनदेखी का जवाब 2022 में देंगे।

राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संगठन के बैनर तले उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच, उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तराखंड चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति, चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति, उत्तराखंड चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संगठन, उत्तराखंड चिह्नित आंदोलनकारी मंच से जुड़े आंदोलनकारी गांधी पार्क में एकत्र हुए। यहां से घन्टाघर होते हुए दर्शनलाल चौक, इनामुल्ला बिल्डिंग से होते हुए कचहरी स्थित शहीद स्मारक तक मार्च निकाला।

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि लंबे समय से सरकार के सामने मांग रख रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार से वार्ता नहीं हुई है। सरकार की अनदेखी के चलते आंदोलनकारी नाराज हैं। वहीं, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकरी रवींद्र जुगरान ने सरकार पर आंदोलनकारियों की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों में उनकी मांग पर कोई भी आश्वासन नहीं दिया गया। ऐसे में उन्हें सड़क पर उतरना पड़ रहा है।

 

उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में सरकार ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान और उनकी मांग को अनदेखा किया। आंदोलनकारी इसका जवाब सरकार को 2022 में आंदोलनकारी देंगे। जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि विभिन्न जिलों में जनप्रतिनिधियों के घेराव और विधानसभा कूच किया जाएगा। इस मौके पर वेदप्रकाश शर्मा, भूपेंद्र रावत, राजेंद्र रावत, संजय बलूनी, महेंद्र रावत, पुष्पलता, प्रमिला रावत, वेदानंद कोठारी, जयदीप सकलानी आदि मौजूद रहे।

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