देहरादून। नियम-कायदे रौंदकर सड़कों पर दौड़ रहे विक्रमों में अब केवल छह सवारी ही यात्रा कर पाएंगी। चालक के बगल में आगे वाली सीट पर सवारी नहीं बैठेंगी। हाईकोर्ट के निर्देश पर संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के सचिव व आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी की ओर से जारी आदेश में विक्रम संचालकों को आगे की सीट हटाने को 10 सितंबर तक का समय दिया गया था।
इसके बाद सीट नहीं हटाने वाले विक्रमों की फिटनेस व टैक्स से जुड़ा कोई कार्य न करने को कहा गया था, लेकिन विक्रम संचालक सुधरने को तैयार नहीं हुए। ऐसे में अब सोमवार को आरटीओ ने आदेश दिया कि मंगलवार से शहर में केवल वही विक्रम संचालित होंगे, जो छह सवारी बैठाकर चल रहे होंगे। बाकी को सीज किया जाएगा।
आदेश के अनुपालन के क्रम में विक्रम में चालक के केबिन को एक तरफ से लोहे या फाइबर की चादर से पूरी तरह बंद किया जाएगा। चादर के विकल्प में लोहे की रॉड लगाकर भी केबिन बंद किया जा सकता है। परमिट की शर्तों के अनुरूप विक्रम में पीछे वाली दोनों सीटों पर केवल छह सवारी ही बैठाई जाएंगी, जबकि वर्तमान में विक्रम चालक पीछे वाली सीटों पर आठ सवारी और चालक के बगल में दो सवारी बैठाकर दौड़ रहे हैं।
बता दें कि, विक्रमों में ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने को चल रही कसरत में परिवहन विभाग काफी समय से तैयारी में लगा हुआ था। इस बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि विक्रम सिक्स प्लस वन यानी छह सवारी बैठाकर ही संचालित हो सकते हैं।
आगे वाली एक सीट केवल चालक के लिए रहेगी। शहर में आधिकारिक तौर पर 784 विक्रम पंजीकृत हैं। पहले विक्रमों की दो श्रेणी थी, जिनमें आधे विक्रम सेवन प्लस वन यानी सात सवारी और एक चालक की श्रेणी में पंजीकृत थे, नैनीताल हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी विक्रम सिक्स प्लस वन श्रेणी में ही माने जाएंगे।
इसके अंतर्गत विक्रम चालक अपने बगल में सवारी नहीं बैठा सकते। इन विक्रमों की फिटनेस तभी होगी, जब चालक के बायीं तरफ वाले हिस्से को बंद किया जाएगा। यदि विक्रम में आगे सवारी बैठी मिली तो उस पर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। आरटीओ ने बताया कि ओवरलोडिंग करने में विक्रमों के विरुद्ध परमिट की शर्तों के उल्लंघन में भी कार्रवाई की जाएगी।
वर्ष-2019 में तत्कालीन आरटीओ सुधांशु गर्ग ने विक्रमों में आगे वाली सीट निकलवा दी थी और लोहे की रॉड लगाकर केबिन बंद करा दिया था, लेकिन बाद में विक्रम चालकों ने रॉड निकालकर दोबारा सवारी बैठानी शुरू कर दी।इस दौरान वर्ष-2021 में परिवहन मुख्यालय ने एक आदेश दिया था कि सभी विक्रम सेवन प्लस वन की श्रेणी में माने जाएंगे, लेकिन सिटी बस यूनियन इसके विरुद्ध हाईकोर्ट चली गई।
न्यायालय ने आदेश दिया है कि परिवहन मुख्यालय इस संबंध में निर्णय नहीं ले सकता और आदेश निरस्त कर दिया। आदेश के क्रम में वर्तमान में विक्रम सिक्स प्लस वन श्रेणी में ही संचालित हो सकते हैं।

