अंधविश्वास ने 47 लोगों की ली जान

नैरोबी। अफ्रीका के देश केन्या में एक पादरी के कहने पर 47 लोगों ने भूखे रहकर सामुहिक आत्महत्या कर ली। पुलिस को ये शव एक पादरी की ही जमीन पर मिले हैं। केन्या के शाकाहोला के जंगल में पुलिस को अभी और भी शव मिल रहे हैं।

खबर है कि गुड न्यूज इंटरनेशनल चर्च के एक पादरी ने इन लोगों कहा था कि अगर ये लोग भूखे रहकर खुद को दफन कर लेंगे तो ये स्वर्ग में जाएंगे और इनकी मुलाकात जीसस से होगी। हालांकि, पुलिस की ओर से इन लोगों के शवों को पिछले तीन दिनों से निकाला जा रहा है और शवों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

मलिंदी उप-काउंटी के पुलिस प्रमुख जॉन केम्बोई ने इस घटना को लेकर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पादरी पॉल माकेंजी की जमीन पर अभी और कबरें खोदी जाएंगी। इसके बाद ही आत्महत्या करने वाले लोगों को पता चल पाएगा। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को शव मिलने के बाद पादरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। पादरी के कहने पर ही इन लोगों ने ये कदम उठाया।

ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस को इसे लेकर गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर पुलिस ने मालिंदी में पादरी की संपत्ति पर छापा मारा। इसके बाद जांच में पुलिस को एक के बाद एक शव मिलते ही गए। न्यूज वेबसाइट ‘केन्या डेली’ के मुताबिक, पुलिस अब सभी शवों से डीएनए सैंपल इकट्ठा कर रही है। ताकि ये साबित हो सके कि इन लोगों की मौत भूखे रहने की वजह से ही हुई है।

गिरफ्तारी के बाद पॉल मैकेंजी यानी की पादरी का कहना है कि उसने लोगों को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित नहीं किया। उसने ये भी कहा है कि उसने साल 2019 में ही चर्च बंद कर दिया था। हालांकि, इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई भी ढिलाई नहीं दिख रही है।

ये पहली बार नहीं है जब पादरी पॉल मैकेंजी का नाम अंधविश्वास से जुड़ा हो। इससे पहले 2019 में और इस साल मार्च में भी पुलिस इसे गिरफ्तार किया जा चुकी है। 2019 में इसकी वजह से दो बच्चों की मौत हो गई थी। माता-पिता के शिकायत करने पर पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया था।

उस दौरान 10 हजार केन्यन शिलिंग यानी कि 6 हजार रुपए के जुर्माने पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। इसके बाद अब दोबारा इस तरह की घटना देखी गई है। जिसमें इतने सारे लोगों की मौत हो गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *