शिक्षकों का अहित नही होने दिया जाएगा: रावत

देहरादून:संस्कृति विभाग प्रेक्षागृह देहरादून में गौरा देवी शिक्षक सम्मान समिति द्वारा जनपद देहरादून के शिक्षकों को सम्मानित किया गया। समिति के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी एवं विशिष्ट अतिथि महावीर सिंह रावत पूर्व राज्य मंत्री , और शीशपाल सिंह बिष्ट प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस रहे । कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों एवं संगठन के पदाधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया तत्पश्चात बच्चों के द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में महान दार्शनिक एवं भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला गया तथा चिपको वूमन गौरा देवी जी का संक्षिप्त जीवन परिचय की डाॅकोमेन्ट्री भी प्रदर्शित की गई।

कार्यक्रम के संयोजक श्री महेन्द्र सिंह “नेगी गुरूजी“ एवं शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा मुख्य अतिथियों का बैंज अलंकरण माल्यार्पण अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ भैट कर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। संगठन के पदाधिकारियों श्री रामसिंह चौहान अध्यक्ष राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघए श्री सतीश घिल्डियाल प्रदेश संरक्षक जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघए श्री विपिन मेहता मीडिया प्रभारी श्री सूरज मंद्रवाल अध्यक्ष जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघए देहरादून श्री अश्विनी भट्ट जिला मंत्री देहरादून अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अनिल नौटियाल, मंत्री विजय पाल जगवान,उपाध्यक्ष दिनेश डोबरियाल, शिक्षक नेता सुभाष झिलडियाल, जनपद मंत्री रा0 शि0 स0 अर्जुन पंवार, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह रावत जी का पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी एवं महेंद्र सिंह नेगी गुरूजी के द्वारा माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी ने कहा कि गुरू ही अपने शिष्य को ईश्वर का ज्ञान कराता है। गुरु की कृपा के बिना जीवन की सार्थकता अकल्पनीय है। किसी शिष्य के पास सब कुछ होने के बाद भी अगर उसे गुरु की कृपा की आकांक्षा नहीं है तो उसे अपने जीवन में पूर्णता की अनुभूति नहीं हो सकती। संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय गुरु को दिया है।

इस अवसर पर उन्होंने समस्त शिक्षकों को यह आश्वासन दिया कि टी ई टी परीक्षा के वर्तमान हालातों से किसी भी शिक्षक का अहित नही होने दिया जाएगा क्योंकि पूर्व से नियुक्त शिक्षक तद्समय की नियमावली के अनुसार नियुक्त हुए हैं। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जी ने अपनी वाकपटुता से शिक्षकों का दिल जीत लिया और कई बार उपस्थित शिक्षक/शिक्षिकाओं से तालिया बजवा दी।गुरू के अंदर मनुष्य को ईश्वर से जोड़ने की सामर्थ्य होती है गुरु ही अपने शिष्य का ईश्वर से साक्षात्कार कराता है।

कार्यक्रम के संयोजक महेंद्र सिंह नेगी गुरूजी ने कहा कि शिक्षक हमारे जीवन के वो दीपक है जो अंधेरे में हमें ज्ञान का प्रकाश दिखाते हैं। वे न केवल हमें किताबी ज्ञान देते हैं बल्कि जीवन के मूल्योंए नैतिकता और आत्मविश्वास को भी सिखाते हैं। एक शिक्षक हमारे व्यक्तित्व को निखारता है हमें सपनों को हकीकत में बदलने की प्रेरणा देता है और समाज के लिए एक जिम्मेदार नागरिक बनने का मार्ग प्रशस्त करता है। एक आदर्श शिक्षक से ही आदर्श समाज व राष्ट्र का निर्माण संभव है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों द्वारा लगभग 500 शिक्षकों का सम्मान किया गया जिन में मुख्य रूप से निम्न शिक्षकों को सम्मानित किया गया उच्च प्राथमिक विद्यालयों से श्रीमती अंजना राणा, विजया शर्मा, धर्मेन्द्र पंवार, अमिता रावत, पुष्पा मधवाल, गीता सिंधवाल, अर्चना ठाकुर,उर्मिला उनियाल, मंजू नेगी, कुंवर सिंह पुंडीर, दीपा सेमवाल, अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों से श्रीमती शोभा जुगराण, श्री रविंद्र भट्ट, श्री अवधेश बहुगुणा, श्रीमती पूनम राजपूत, श्री नरेंद्र सिंह, श्री दिनेश डोबरियाल, नीरज वर्मा, कुलदीप जोशी,विनोद पांडे एवं विजय भट्ट सहित श्री अनुराग चैहान, प्रशांत सकलानी, विनोद असवाल, लक्ष्मण सोलंकी, लक्ष्मीकांत चैहान, संजय मखलोगा, मनोज पयाल, होशियार सिह पुण्डीर, अनिल पाल आदि 400 अध्यापकों को सम्मानित किया गया।

शिक्षकों द्वारा कार्यक्रम के संयोजक श्री महेन्द्र सिंह नेगी द्वारा यह आयोजन करने पर उनका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सतीश घिल्डियाल प्रदेश संरक्षक जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ द्वारा किया गया।

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