नई दिल्ली : कोरोनावायरस के मामले पिछले तीन साल से अधिक समय से वैश्विक चिंता का कारण बने हुए हैं। पिछले कुछ महीनों में नए संक्रमितों के मामलों में काफी सुधार देखा जा रहा था, हालांकि हालिया रिपोर्ट फिर से चिंता बढ़ाने वाली हो सकती है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी राज्यों में कोरोना के एक नए सब-वैरिएंट EU.1.1 के सामने आने की सूचना दी है। हाल में संक्रमण की पुष्टि वाले कई मरीजों में इस वैरिएंट को प्रमुख कारण माना गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि फिलहाल इस वैरिएंट के बारे में जानने के लिए लगातार शोध किए जा रहे हैं। वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी कोविड-19 के मामलों का लगभग 1.7% इसी वैरिएंट के कारण है।
इसके अलावा अमेरिकी स्टेट मोंटाना और कोलोराडो में यह 8.7% मामलों के लिए प्रमुख कारण है। यूटा स्टेट में सबसे अधिक लगभग 100 मामले इस नए वैरिएंट के दर्ज किए गए हैं।
अब तक के प्रारंभिक शोध में पाया गया है कि ये नया सब-वैरिएंट EU.1.1 मूल रूप से ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट XBB.1.5 का ही वंशज है, जो इस साल भारत सहित कई देशों में तेजी से बढ़े कोरोना के मामलों के लिए जिम्मेदार माना जा रहा था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या यह सब-वैरिएंट संक्रमित लोगों में नए लक्षण पैदा करेगा या फिर इसके लिए नए टीकों की जरूरत होगी? ज्यादातर लोगों का टीकाकरण हो चुका है, जिससे शरीर में मजबूत प्रतिरोधक क्षमता है, यह वैरिएंट ऐसे लोगों पर किस प्रकार से असर करता है ये देखने वाली बात होगी।
नए वैरिएंट्स को लेकर अध्ययन कर रही शोधकर्ताओं की टीम कहती है, COVID-19 रोग का कारण बनने वाले SARS-CoV-2 वायरस में लगातार म्यूटेशन हो रहा है। ऐसे में हमेशा हम नए वैरिएंट्स की आशंकाओं को लेकर काम कर रहे हैं।
कभी-कभी नए वैरिएंट्स उभरते हैं और गायब हो जाते हैं। वहीं कुछ की प्रकृति अधिक संक्रामकता या गंभीर रोगों वाली भी हो सकती है।इस नए वैरिएंट के बारे में फिलहाल इतना ही समझा जा सका है कि ये XBB.1.5 का ही एक प्रकार है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ये अधिक गंभीर रोगों का कारण नहीं बनेगा।
ओमिक्रॉन में हो रहे लगातार म्यूटेशन को देखते हुए हाल ही में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ऐसे टीकों की जरूरतों पर जोर दिया था जो नए वैरिएंट्स को टारगेट करते हों। चूंकि अब तक मौजूद ज्यादातर टीके कोरोना के मूल वैरिएंट को लक्षित करते हैं जो पिछले तीन साल में काफी बदल चुका है।
इस दिशा में वैज्ञानिकों ने तेजी से काम करते हुए खास नए टीके भी विकसित कर लिए हैं। मॉडर्ना ने हाल ही में घोषणा की थी कि उसने नए संशोधित वैक्सीन शॉट्स तैयार कर लिए हैं जिसके आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए एफडीए को सिफारिश भेजी गई है।
रिपोर्टस के मुताबिक नए टीके XBB.1.5 वैरिएंट्स को ही लक्षित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, इस बारे में दवा निर्माता कंपनी ने शोध का हवाला देते हुए कहा कि ये टीका ओमिक्रॉन के कई वैरिएंट्स XBB.1.16 और XBB.2.3 के खिलाफ भी प्रभावी मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रदान करेगा।