‘मंगशीर बग्वाल’ की धूम

मसूरी : अगलाड़ यमुनाघाटी विकास मंच ने पहाड़ों की रानी मसूरी में ‘मंगशीर बग्वाल’ (पुराणी दियांई) पर्व धूमधाम से मनाया। स्थानीय नागरिकों ने चार घंटे से भी अधिक समय तक रासौ, तांदी, और झेंता नृत्य कर समां बांध दिया। पर्यटक भी इस आयोजन में शामिल हुए, उन्होंने इस पल को अपने कैमरों में कैद किया।

अगलाड़ यमुनाघाटी विकास मंच ने मसूरी कैंपटी रोड पर चकराता टोल चौकी के निकट मंगशीर बग्वाल का आयोजन किया। जिसकी शुरुआत भांड (रस्सा) व डिबसा (लकड़ियों का ढेर) की विधिवत पूजा से हुई। डिबसा के साथ होल्डे या भैलो (भींमल या चीड़ की लकड़ी का गठ्ठर) जलाकर स्थानीय नागरिकों ने उसका लुत्फ उठाया।

महिलाओं व पुरुषों के बीच रस्साकसी हुई। इसके बाद जौनपुरी, जौनसारी व रवांईं के पारंपरिक गीतों के साथ रासौ, तांदी व झेंता नृत्य शुरू हुआ, जो चार घंटे से भी अधिक समय तक जारी रहा।

मंच के अध्यक्ष शूरवीर सिंह रावत ने बताया कि अपनी लोकसंस्कृति को जीवंत रखने और अपनी युवा पीढी को इससे रूबरू करवाने के लिये पारंपरिक मंगशीर बग्वाल का आयोजन प्रतिवर्ष मसूरी में किया जाता है।

मंच के कोषाध्यक्ष सूरत सिंह खरकाई ने कहा कि मंगशीर बग्वाल मनाने के पीछे एक इतिहास है। वीर भड़ माधो सिंह भंडारी तिब्बत पर विजय के बाद जब लौटे तो इसकी सूचना यमुना व अगलाड़ घाटी में एक महीने विलंब से मिली। उनके घर लौटने की खुशी में मंगशीर बग्वाल मनाई जाती है।

उन्होंने बताया कि संपूर्ण यमुना व अगलाड़ घाटियों में मंगशीर बग्वाल गांव-गांव में पांच दिनों तक मनाई जाती है। इसका आयोजन 22 से 26 नवंबर तक चलेगा।

इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, सहकारी बैंक टिहरी के अध्यक्ष सुभाष रमोला, भाजपा मंडलाध्यक्ष मोहन पेटवाल, अरविंद सेमवाल, ट्रेडर्स एसोसिएशन अध्यक्ष रजत अग्रवाली, जगजीत कुकरेजा, अगलाड़ यमुनाघाटी विकास मंच के उपाध्यक्ष बलबीर सिंह चौहान, रामप्रसाद कवि, कृष्णदत्त नौटियाल आदि शामिल रहे।

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