भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली ने ऊखीमठ से किया भव्य प्रस्थान, 2 मई को खुलेंगे कपाट
रुद्रप्रयाग: श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी चल-विग्रह डोली आज ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर से विधिवत पूजा-अर्चना और सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच श्रद्धापूर्वक प्रस्थान कर गई। डोली प्रस्थान के अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा और चारों ओर ‘‘जय केदारनाथ‘‘ के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।
डोली आज अपने प्रथम पड़ाव, श्री विश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा। इसके पश्चात् 29 अप्रैल को प्रातः डोली गुप्तकाशी से प्रस्थान कर फाटा पहुंचेगी और वहां रात्रि विश्राम होगा। 30 अप्रैल को फाटा से आगे बढ़कर डोली श्री गौरामाई मंदिर, गौरीकुंड पहुंचेगी और वहीं विश्राम करेगी। 1 मई को डोली गौरीकुंड से प्रस्थान कर अपराह्न में श्री केदारनाथ धाम स्थित मंदिर भंडार पहुंचेगी। 2 मई को प्रातः 7ः00 बजे, वैदिक मंत्रोच्चार और विधि विधान के साथ श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु विधि पूर्वक खोले जाएंगे।
इस अवसर पर केदारनाथ विधायक श्रीमती आशा नौटियाल ने बाबा केदार की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं पर भगवान केदारनाथ का आशीर्वाद प्रदान करने की मनोकामना मांगी। उन्होंने कहा कि इस बार भी रिकॉर्ड तीर्थयात्री बाबा का आशीर्वाद लेने धाम पहुंचेंगे। कहा कि यात्रा को लेकर सरकार व प्रशासन द्वारा पूरी तैयारियां की जा चुकी हैं। किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी।
श्री बदरी-केदारनाथ मंदिर समिति के कार्यकारी अधिकारी विजय थपलियाल ने कहा कि यात्रा को लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि 29 अप्रैल को प्रातः डोली गुप्तकाशी से प्रस्थान कर फाटा पहुंचेगी और वहां रात्रि विश्राम होगा।
30 अप्रैल को फाटा से आगे बढ़कर डोली श्री गौरामाई मंदिर, गौरीकुंड पहुंचेगी और वहीं विश्राम करेगी। 1 मई को डोली गौरीकुंड से प्रस्थान कर अपराह्न में श्री केदारनाथ धाम स्थित मंदिर भंडार पहुंचेगी। 2 मई को श्री केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि केदारपुरी के रक्षक भुकुंट भैरव की रविवार को देय सायं पूजा की गई थी।
इस अवसर पर श्री केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी बागेश्वर लिंग, वरिष्ठ पुजारी शिवशंकर लिंग सहित बीकेटीसी के वरिष्ठ अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या श्रद्धालू मौजूद रहे।