गर्मी के साथ पानी की मार !

देहरादून:राजधानी देहरादून में बढ़ते तापमान के कारण उमसभरी गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. इसी बीच अपर रजीव नगर के लोगों को पिछले सात सालों से गर्मियों में पानी की गंभीर किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. इस इलाके में बढ़ती आबादी और पुरानी पेयजल लाइन की खराबी की वजह से पानी की समस्या हर साल दोहराई जा रही है.

स्थानीय लोग बताते हैं कि दिन के वक्त पानी बहुत कम आता है और उसका कोई तय समय नहीं होता. वहीं रात के लगभग 2 बजे पानी आता है, जो लोगों के लिए बहुत असुविधाजनक है. स्कूल जाने वाले बच्चे और ऑफिस जाने वाले लोग रात के 2 बजे नहाना या पानी भरना कैसे कर पाएंगे? कई दिनों से पानी की समस्या बनी हुई है और लोग इससे बहुत परेशान हैं.

स्थानीय निवासी सुलोचना रावत बताती हैं, “दिन में पानी का कोई टाइम नहीं होता, रात को 2 बजे पानी आता है. अब कौन अपने बच्चों को उस वक्त नहलाएगा? बर्तन और कपड़े कैसे धोएंगे जब इंसान सोने की तैयारी कर रहा हो?” वहीं नंदा रावत कहती हैं कि पिछले एक महीने से पानी की कमी के कारण घर के कामकाज में काफी दिक्कत हो रही है. तीसरी-चौथी मंजिल पर रहने वाले लोग तो पानी तक नहीं पा रहे हैं. लोग बाहर मंदिर से पानी ढोकर लाते हैं.

अपर रजीव नगर की बुजुर्ग गंगोत्री देवी ने कहा कि कई दशकों से यहां रह रहे हैं. पहले यहां कम लोग रहते थे और पास में नहर भी हुआ करती थी, जिससे पानी की व्यवस्था बेहतर थी. अब लोग बढ़ गए हैं, लेकिन पानी की व्यवस्था वैसी की वैसी है. गर्मियों में मुश्किलें और बढ़ जाती हैं.

पानी की समस्या से तंग आकर इलाके के लोग बार-बार सरकारी दफ्तरों में शिकायतें भी दे चुके हैं. वार्ड नंबर 48 के निवासी आलम सिंह पवार बताते हैं कि यहां 300 से ज्यादा परिवार इस समस्या से प्रभावित हैं. बावजूद इसके शिकायतों पर कोई ठोस काम नहीं हुआ, अधिकारियों का ध्यान यहां नहीं जाता .

अमित कौशिक ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से पानी आने का कोई फिक्स समय नहीं है. कभी दिन में आता है, ज्यादातर रात को आता है. जब जरूरत होती है, तब पानी नहीं मिलता. इससे स्कूल और ऑफिस जाने वालों को बहुत दिक्कत होती है. गर्मी में पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, लेकिन यहां गर्मी में ही पानी की कटौती की जाती है.

अमित ने यह भी बताया कि क्षेत्र में पुरानी पेयजल लाइन लगभग 40 साल पुरानी है और अपनी मियाद पूरी कर चुकी है. यहां की आबादी पहले कम थी, अब बढ़ जाने से पुराने ट्यूबवेल से पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता. पिछले 7 सालों से नए ट्यूबवेल लगाने की मांग की जा रही है, लेकिन कोई काम नहीं हुआ. पेयजल लाइन बदलने के लिए भी बार-बार आवेदन किए गए, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

उत्तराखंड जल संस्थान की मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग ने बताया कि वार्ड नंबर 48 से पानी न आने की शिकायत मिली है, जिस पर समस्या का समाधान करने की कोशिश की जा रही है. क्षेत्र में कुछ लाइनों में प्रेशर ज्यादा होने की वजह से जॉइंट खुल जाते हैं, इसलिए पानी सही तरीके से नहीं छोड़ा जा पा रहा है. पेयजल लाइन और ट्यूबवेल को ठीक कराने के लिए प्रशासन को पत्र भेजे गए हैं और जल्द ही काम शुरू किया जाएगा.

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