मरीज के परिजनों ने डॉक्टर को पीटा, 24 गिरफ्तार

गुवाहाटी. असम में कोविड-19 (Covid-19) मरीजों का इलाज कर रहे एक डॉक्टर के साथ बेरहमी से मारपीट का मामला सामने आया है. मंगलवार को राज्य के होजाई में एक मरीज की मौत से गुस्साए कुछ लोगों ने चिकित्सक को ईंट, कचरे की पेटी जैसी चीजों से बुरी तरह पीटा. हमले का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने पुलिस को आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

मामला गुवाहाटी से करीब 140 किमी दूर होजाई का बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां स्थित उडाली मॉडल अस्पताल परिजनों के अलावा स्थानीय लोगों ने भी डॉक्टर सेउज कुमार सेनापति के साथ मारपीट की है. वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि डॉक्टर जमीन पर गिरा हुआ है और आरोपी लगातार कचरे की पेटी, झाड़ू और अन्य चीजों के साथ बड़ी निर्दयता से मारपीट कर रहे हैं. पीड़ित डॉक्टर को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. सीएम ने जानकारी दी है कि वे खुद इस मामले की निगरानी कर रहे हैं और 24 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

कहा जा रहा है कि पीपल पुखुरी गांव के रहने वाले गियाउद्दीन नाम के एक मरीज की कोविड के चलते मंगलवार को मौत हो गई थी. पत्रकारों से बातचीत में डॉक्टर सेनापति ने बताया, ‘मरीज के साथ मौजूद लोग मेरे पास आए और कहने लगे कि मरीज की हालत गंभीर है और सुबह से यूरिन पास नहीं हो रही है.

मैं कमरे में गया और पाया कि मरीज की मौत हो चुकी है. मैंने जैसे ही यह खबर तीमारदारों को बताई, तो एक रिश्तेदार ने गालियां देना शुरू कर दिया.’मरीज की मौत से गुस्साई भीड़ ने अस्पताल पर हमला कर दिया. इस दौरान ज्यादातर स्टाफ बचकर निकल गया. वहीं, डॉक्टर सेनापति ने खुद को कमरे में बंद कर लिया.

इसके बाद भीड़ ने कमरे में घुसकर उनके साथ बेरहमी से मारपीट की. डॉक्टर ने बताया, ‘उन्होंने अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी, हम सुरक्षा के लिए भागे. मैं एक कमरे में गया और छिपने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे खोज लिया और मारपीट कर दी. उन्होंने मेरी सोने की चेन, अंगूठी और मेरा मोबाइल भी छीन लिया.’ उन्होंने जानकारी दी कि वे करीब 30 लोग थे.

 

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जेए जयलाल ने घटना की निंदा की है. असम मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के असम चैप्टर के सदस्यों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने विरोध के रूप में आज सभी सरकारी अस्पतालों में आउटपेशेंट डिपार्टमेंट (OPD) सेवाओं का बहिष्कार किया है. वहीं, AIIMS के रेजिडेंड डॉक्टर्स एसोसिएशन ने महामारी बीमारी अधिनियम 1897 के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

IMA ने बीती अप्रैल में केंद्रीय गृहमंत्री से डॉक्टर्स को मरीज के परिजनों की तरफ से की जा रही हिंसा से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी. संस्था की तरफ से जारी प्रेस रिलीज के दौरान कहा गया था काम के दौरान हिंसा के चलते स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने की संभावना 4 गुना ज्यादा है. IMA ने महामारी में अस्पतालों को सुरक्षित जोन घोषित किए जाने की मांग की थी. साथ ही अस्पतालों में पुलिस की उपस्थिति की भी बात कही गई थी.

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