बदरीनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू

गोपेश्वर: 19 नवंबर शनिवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए विधि-विधान से बंद किए जाएंगे। इसके लिए आज से बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मंदिर परिसर में स्थित गणेश मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि परंपरानुसार बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं आज भगवान गणेश के मंदिर के कपाट बंद होने के साथ शुरू होगी।

15 नवंबर को भगवान गणेश के मंदिर के कपाट बंद
16 नवंबर को आदिकेदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे।
17 नवंबर को खड़क पुस्तकों को गर्भगृह में रख वेद ऋृचाओं का वाचन बंद होगा।
18 नवंबर को मां लक्ष्मी गर्भगृह में विराजमान होंगी।
19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर 19 नवंबर को जनपद में अवकाश रहेगा। प्रभारी अधिकारी चंदन बनकोटी ने बताया कि चार नवंबर को हरिबोधनी एकादशी के लिए जनपद में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया था।

चार नवंबर को घोषित स्थानीय अवकाश के स्थान पर स्थानीय जनभावनाओं व आस्था को ध्यान में रखते हुए 19 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दिन श्री बदरी विशाल के दर्शनार्थ स्थानीय अवकाश घोषित किया गया।

पौराणिक परंपराओं के अनुसार भैया दूज के पावन अवसर पर 27 अक्‍टूबर को सुबह ठीक आठ बजकर 30 मिनट पर पूरे विधि विधान से आगामी शीतकाल के छह महीनों के लिए केदार बाबा के कपाट बंद हो गए हैं। बता दें कि इस वर्ष केदारनाथ में रिकार्ड यात्री दर्शनों को आए।

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