खत्म हो जाएगा ब्रह्मांड, न धरती बचेगी न इंसान !

वैज्ञानिकों के एक चौंकाने वाले दावे ने सबको हैरान कर दिया है. उनका कहना है कि ब्रह्मांड का अंत तय है और इस दिन न धरती बचेगी, न इंसान. यह खुलासा सुनकर लोगों में डर फैल गया है.वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रह्मांड का अंत करीब 10 अरब साल बाद शुरू हो सकता है. ये समय ब्रह्मांड की मौजूदा उम्र 13.8 अरब साल से भी कम है. स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, ये अनुमान डार्क एनर्जी के बदलाव पर आधारित है. तब ब्रह्मांड सिकुड़ना शुरू कर देगा.डार्क एनर्जी के बदलने की वजह से ब्रह्मांड ‘बिग क्रंच’ में ढह सकता है. ये प्रक्रिया ब्रह्मांड को सिकोड़कर एक छोटे, गर्म बिंदु में बदल देगी. आकाशगंगाएं आपस में विलीन हो जाएंगी. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये तबाही अपेक्षा से जल्दी हो सकती है.

बिग क्रंच वो सिद्धांत है, जिसमें ब्रह्मांड का फैलाव रुककर सिकुड़ना शुरू हो जाता है. इसे बिग बैंग का उल्टा समझ सकते हैं, जब सब कुछ एक बिंदु में समा जाता है. ये प्रक्रिया ब्रह्मांड को पूरी तरह खत्म कर सकती है. ये डार्क एनर्जी की गतिशीलता पर निर्भर करता है.डार्क एनर्जी सर्वे (DES) और DESI के सर्वे बताते हैं कि डार्क एनर्जी बदल रही है. पहले इसे स्थिर माना जाता था, जो ब्रह्मांड को फैलाती है. अब वैज्ञानिक कहते हैं कि ये समय के साथ कमजोर हो सकती है. ये बदलाव बिग क्रंच को जल्दी ला सकता है.

बिग क्रंच में आकाशगंगाएं, तारे और ग्रह सब एक बिंदु में सिमट जाएंगे. ब्रह्मांड गर्म और सघन होकर पूरी तरह तबाह हो जाएगा. ऐसे में इंसानों या किसी जीव के बचने की कोई गुंजाइश नहीं होगी. ये प्रक्रिया पूरे ब्रह्मांड को खत्म कर देगी.वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 7 अरब साल बाद ब्रह्मांड अपने सबसे बड़े आकार पर होगा. इसके बाद ये सिकुड़ना शुरू कर देगा. ये प्रक्रिया करीब 10 अरब साल तक चलेगी. इस दौरान ब्रह्मांड धीरे-धीरे छोटा होता जाएगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 33.3 अरब साल बाद ब्रह्मांड पूरी तरह एक बिंदु में समा जाएगा. ये बिग क्रंच का आखिरी चरण होगा, जब सब कुछ खत्म हो जाएगा. ये अनुमान डार्क एनर्जी के डेटा पर आधारित है. तब न धरती बचेगी, न इंसान.डार्क एनर्जी ब्रह्मांड का 70% हिस्सा है और इसके फैलाव को नियंत्रित करती है. वैज्ञानिकों ने पाया कि ये स्थिर नहीं, बल्कि बदल रही है. इसका व्यवहार रबर बैंड जैसा है, जो फैलने के बाद सिकुड़ सकता है. ये बदलाव बिग क्रंच की भविष्यवाणी का आधार है.

ये सिद्धांत अभी काल्पनिक है और पूरी तरह पक्का नहीं है. ब्रह्मांड की मौजूदा उम्र 13.8 अरब साल है और ये अभी भी फैल रहा है. वैज्ञानिकों को और डेटा की जरूरत है ताकि ये सिद्ध हो सके. फिर भी, ये स्टडी ब्रह्मांड की संरचना को समझने में मदद करती है.वैज्ञानिकों को डर है कि अगर डार्क एनर्जी की थ्योरी सही हुई, तो ब्रह्मांड पहले से सोचे गए समय से जल्दी खत्म हो सकता है. ये रिसर्च भौतिकी में नया मील का पत्थर है. हालांकि, 33 अरब साल का समय इतना लंबा है कि इंसान तब तक शायद किसी और रूप में हों.

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