मौसम ने फिर बदली करवट

देहरादून:  उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। शुक्रवार रात को पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश का दौर जारी रहा। जिससे तापमान में हल्की गिरावट आई। देर रात अधिकतर इलाकों में बारिश हुई। वहीं गंगोत्री हाईवे पर हुए भूस्‍खलन की चपेट में आकर एक व्‍यक्ति की मौत हो गई है।

शुक्रवार रात देहरादून सहित मसूरी, विकासनगर, हरिद्वार, रुड़की और ऋषिकेश सहित कई इलाकों में बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा-बर्फबारी के आसार हैं। जबकि, निचले इलाकों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि की चेतावनी है।

वहीं उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुराना धरासू के पास ऑल वेदर का रोड का कार्य करने के दौरान पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ। इस दौरान दो व्यक्ति मलबे में दबने से गंभीर रूप से घायल हुए। जबकि पत्थर की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हुई है।

शुक्रवार की देर रात को गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुराना धरासू और धरासू बैंड के बीच कटिंग का कार्य चल रहा था। जहां पर एक पोकलेन मशीन द्वारा सड़क के ऊपर रैम बनाकर कटिंग का कार्य किया जा रहा था तथा एक मशीन द्वारा कटिंग से निकला मलबा डंपर में लोड किया जा रहा था।

अचानक पहाड़ी से मलबा आया। बड़े-बड़े बोल्डर और मलबा दो पोकलेड मशीन व एक डंपर के ऊपर गिर गया। इस दौरान सड़क पर खड़े डंपर चालक व ठेकेदार भी मलबे में दब गए। जबकि साइड इंचार्ज के पत्थर लगने के कारण वह सड़क से नीचे खाई में गिर गया।

एसडीआरएफ की सहायता से मलबे में दबे हुए व्यक्तियों को निकाला गया और खाई में गिरे व्यक्ति को रेस्क्यू किया गया। सीएचसी चिन्यालीसौड़ में साइड इंचार्ज को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दियाया। जबकि ठेकेदार व डंपर चालक घायल व्यक्तियों का सीएचसी चिन्यालीसौड़ में उपचार चल रहा है।

प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते आंशिक से लेकर मुख्यत: बादल छाये हुए हैं। हालांकि, मैदानी क्षेत्रों में चटख धूप के साथ बीच-बीच में आसमान में बादल घिर रहे हैं। शुक्रवार को कई इलाकों में सुबह धूप खिलने के बाद दोपहर में बादलों ने डेरा डाल लिया। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा और ओलावृष्टि दर्ज की गई।मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में अगले कुछ दिन मौसम का मिजाज बदला रह सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा-बर्फबारी हो सकती है।

निचले इलाकों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने से लेकर आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। तापमान में मामूली वृद्धि हो सकती है।उत्तराखंड में बीते सप्ताह लगातार चार दिन हुई वर्षा-ओलावृष्टि से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। प्रदेश में लगभग 30 प्रतिशत कृषि-बागवानी पर मौसम की मार पड़ने का अनुमान है।

फिलहाल कृषि विभाग फसलों को हुए नुकसान के आंकड़े जुटा रहा है, लेकिन रबी समेत अन्य फसलों को 30 प्रतिशत तक क्षति पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।प्रदेश में करीब सात लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में कृषि-बागवानी की जाती है। ऐसे में वर्षा के कारण गेहूं की खड़ी फसल को क्षति पहुंची है। जबकि, ओलावृष्टि से फल व सब्जी उत्पादन पर भी असर पड़ने की आशंका है।

कृषि निदेशक गौरशंकर के अनुसार सभी जिलों में कृषि विभाग की ओर से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे किया जा रहा है। जिलावार आंकड़े एकत्रित करने के बाद ही मौसम की मार से हुई क्षति का सटीक आंकलन कर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से शुक्रवार को फिर मौसम ने तेजी से करवट बदली। तराई व भाबर में सुबह धूप खिली तो दोपहर बाद घने बादल छा गए। करीब तीन बजे नैनीताल में तेज वर्षा शुरू हो गई। कुछ ही देर बाद ओलावृष्टि भी होने लगी। करीब एक घंटे बाद वर्षा तो थम गई। लेकिन कोहरे ने नगर को अपने आगोश में ले लिया और बादल भी आसमान में डेरा डाले रहे।

बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से 10 बकरियों की मौत हो गई। अल्मोड़ा में दोपहर बाद से बादल लगे रहे। आस-पास के क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। देहरादून में भी कुछ देर बादल लगे रहे। अन्य जिलों मे मौसम साफ रहा।

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