देहरादून : उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में इन दिनों धूप हल्की हो रही है। जिससे आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने के आसार लग रहे हैं। वहीं सोमवार पांच दिसंबर को देहरादून में भी सुबह आठ बजे तक धुंध छाई रही। जिससे सुबह के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि बाद में धूप निकल आई और ठंड से राहत मिल गई।
वहीं अब राज्य के तराई क्षेत्रों में धीरे-धीरे ठंड और बढ़ेगी। मौसम विज्ञानियों ने मौसम साफ रहने और ठंड में वृद्धि होने का अनुमान लगाया है। जीबी पंत कृषि विवि पंतनगर के मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह ने बताया कि सोमवार को मौसम साफ रहेगा।
उन्होंने बताया कि रविवार को अधिकतम तापमान 25.05 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम 8.09 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता अधिकतम 93 व न्यूनतम 41 प्रतिशत रही। कुमाऊं मंडल की बात करें तो आज सोमवार को अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ व बागेश्वर में आसमान साफ रहेगा। मैदानी क्षेत्र हल्द्वानी में धूप खिली रहेगी।
नैनीताल जिले के गरमपानी में आपदा को दो वर्ष से भी अधिक का समय बीत जाने के बावजूद आपदा प्रभावितों के जख्म आज भी हरे हैं। उचित मुआवजा न मिल पाने से प्रभावितों को एक अदद छत तक नसीब नहीं हो सकी है। मजबूरी में किराए के कमरे में दिन काटने को मजबूर हैं।
गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व मूसलाधार वर्षा के बाद उफान में आई उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी ने रौद्र रूप अपना लिया था। इससे कई आवासीय भवन शिप्रा में समा गए थे। प्रशासन ने मानक के अनुसार मुआवजा उपलब्ध कराया, जो नाकाफी साबित हुआ।
खैरना क्षेत्र की 74 वर्षीय पुष्पा खुल्बे भी अपना मकान आपदा में गंवा चुकी हैं, मगर अब तक उन्हें न तो सरकार की ओर से भूमि उपलब्ध हो पाई है और न ही छत।
पुष्पा बताती हैं कि समुचित मदद न मिलने से वह मायूस हैं। पूर्व में तहसील प्रशासन ने मझेड़ा क्षेत्र में भूमि चिह्नित की, पर कुछ लोग उस पर अपना हक जता रहे, जिससे भविष्य में जमीन मिलने की उम्मीद भी नहीं है।
एसडीएम राहुल शाह के अनुसार, पूर्व में मुआवजा वितरित किया जा चुका है। तीन आपदा प्रभावितों के लिए भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के साथ ही भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।