मणिपुर में सुधर रहे हालात

इंफाल:मणिपुर में चल रही हिंसा धीरे-धीरे शांत हो रही है, लेकिन राज्य में हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। आज यानी शनिवार को हिंसा के बाद इंफाल में पेट्रोल पंप के बाहर लंबी कतारें देखने को मिली।

मामले की जानकारी देते हुए डीजीपी पी डोंगेल ने कहा, ‘सुरक्षा बलों की वजह से, स्थिति में सुधार हुआ है और हमें सख्त आदेश मिले हैं कि हिंसा में योगदान देने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।’

राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने 5 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करने का आग्रह किया है।

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अंतिम दौर में तय पांच सभाओं और रोड शो को रद कर दिया। शाह राज्य तथा केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं। वह मणिपुर की स्थिति के बारे में सुरक्षा तथा खुफिया एजेंसियों से नियमित रूप से जानकारी ले रहे हैं।

मणिपुर में सेना और असम राइफल्स के लगभग 10 हजार जवानों को तैनात किया गया है। इन जवानों ने राज्य के कई इलाकों में शुक्रवार को फ्लैग मार्च किया। सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने आदिवासियों और मैती समुदाय के बीच हिंसा के मद्देनजर सीआरपीएफ और बीएसएफ सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 20 नई कंपनियां भेजी हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मणिपुर जाने वाली ट्रेनों को रद किया गया है। नार्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने कहा कि मणिपुर होकर दो ट्रेनें गुजरती हैं। 5 मई से दो दिनों के लिए इनका परिचालन रद कर दिया गया है।

एक हजार से ज्यादा लोगों ने मणिपुर से पलायन कर असम के कछार जिले में शरण ली है। जिला प्रशासन ने शरणार्थियों के लिए खाने-पीने का इंतजाम किया है। इन्हें स्कूलों में ठहराया गया है। स्थानीय लोग भी इनकी मदद कर रहे हैं।

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने जिला प्रशासन को मणिपुर से आए लोगों की देखभाल करने का निर्देश दिया है। सरमा ने कहा कि वे मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह के साथ संपर्क में हैं। 30 लोग शुक्रवार को मणिपुर से मिजोरम पहुंच गए। इनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं।

मणिपुर सरकार ने 3 और 4 मई को मणिपुर के कुछ जिलों में अंतर-सामुदायिक झड़पों के तुरंत बाद सेना और असम राइफल्स की मांग की थी। चुराचांदपुर, केपीआई, मोरेह और काकिंग अब पूरी तरह से नियंत्रण में हैं और कल रात से किसी बड़ी हिंसा की सूचना नहीं है। बयान में कहा गया है कि कुल लगभग 13,000 नागरिकों को बचाया गया है।

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