एक के बाद एक हादसे का शिकार बनीं तीन ट्रेनें

भुवनेश्वर : ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के टकराने की वजह से हुए हादसे में अब तक 233 लोगों की जान जाने की खबर है। वहीं, करीब 900 लोग घायल हैं। इस घटना के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ से लेकर सुरक्षाबलों के कई जवानों को भी राहत-बचाव कार्यों में लगा दिया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शनिवार सुबह भी घटनास्थल से शवों को निकालने का काम जारी रहा।

इस हादसे को लेकर ओडिशा सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक का एलान किया है, वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को ही ओडिशा में घटनास्थल का दौरा कर सकती हैं।

इस हादसे के कई घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक कई लोगों को यह साफ नहीं है कि आखिर तीन ट्रेनें आपस में टकराईं कैसे? हादसे में घायल कई लोगों ने दुर्घटना को लेकर अलग-अलग वर्जन भी दिए हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इस ट्रेन दुर्घटना का पूरा घटनाक्रम क्या रहा?

बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस हावड़ा की ओर जा रही थी। इसी दौरान शुक्रवार देर शाम इस ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए और बगल के ट्रैक में पलट गए।शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस दूसरे ट्रैक से चेन्नई की ओर जा रही थी। यह ट्रेन ट्रैक पर पलटे बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई।
इस टकराव के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए और अगले ट्रैक में एक मालगाड़ी के डिब्बों से टकरा गए।

बताया जाता है कि यह हादसा बालासोर जिले के बहंगा बाजार स्टेशन पर हुआ, जो कि कोलकाता से दक्षिण में 250 किलोमीटर और भुवनेश्वर से उत्तर में 170 किलोमीटर पर स्थित है।अधिकारियों के मुताबिक, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट के डिब्बे शाम करीब 6.55 बजे पटरी से उतर गए, वहीं कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे 7 बजे पटरी से उतर गए। यानी यह घटना महज पांच मिनट के अंतराल में हुई।

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