उत्‍तराखंड में आंधी-ओलावृष्टि का अलर्ट

देहरादूून:  मौसम का मिजाज बदलने से एक बार फिर वर्षा का क्रम शुरू हो गया है। हालांकि गुरुवार सुबह हल्की धूप खिलने से बारिश से राहत की उम्मीद थी। लेकिन दोपहर 12 बजे बादल छाने के साथ वर्षा होने का सिलसिला शुरू हो गया। साथ ही हल्द्वानी के कुछ क्षेत्रों में तेज हवा भी चली। लेकिन मौसम बदलने की वजह से गर्मी से राहत मिली है।

वहीं चमोली जिले के गोपेश्वर में गुरुवार रात को बारिश आफत साबित हुई है। हेमकुंड में यात्रा दूसरे दिन भी बाधित है। हेमकुंड साहिब में रास्ते में बर्फ हटाने का काम जारी है। बीती रात सिमली में पेड़ टूटने से कर्णप्रयाग हाईवे बंद रहा। नंदप्रयाग के पास विद्युत हाइटेशन लाइन में तकनीकी कमी आने से रातभर विद्युत आपूर्ति बाधित रही।

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार हल्द्वानी क्षेत्र में अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इधर, मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले कुछ दिनों तक वर्षा का क्रम बने रहने की संभावना है। आज भी आंधी और ओलावृष्टि की चेतावनी उत्तराखंड में मौसम फिलहाल बदला रहने के आसार हैं। अगले कुछ दिन ज्यादातर क्षेत्रों में बादल छाये रहने की उम्मीद है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा व चोटियों पर हिमपात की आशंका है। निचले क्षेत्रों में आंधी व ओलावृष्टि को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में 40-50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और तीव्र बौछारों की आशंका है।

मैदान से लेकर पर्वतीय क्षेत्र में हुई तेज बरसात के कारण गौला का जलस्तर इस साल के सर्वाधिक जलस्तर पर पहुंच गया। 1600 क्यूसेक पानी होने पर काठगोदाम बैराज का गेट खोलना पड़ा। वहीं, अमृतपुर क्षेत्र में नदी में अचानक पानी बढ़ने से दो टिप्पर कुछ दूरी तक बहते नजर आए। एक कार भी यहां फंसी थी। इस दौरान श्रमिकों और वाहन चालकों में अफरातफरी का माहौल देखने को मिला।

गुरुवार दोपहर हुई बरसात के कारण गौला का जलस्तर अचानक बढ़ गया था। बैराज के सहायक अभियंता मनोज तिवारी ने बताया कि दोपहर तीन बजे करीब पानी की मात्रा 1600 क्यूसेक पहुंचने के कारण गेट खोल पानी नदी में डिस्चार्ज किया गया।

इससे पूर्व वन विभाग व वन निगम की टीम ने गौला के निकासी गेटों पर अलर्ट जारी कर दिया गया था, जिस वजह से खनन में जुटे वाहन व श्रमिक किनारे पर पहुंच सुरक्षित हो गए, लेकिन जमरानी क्षेत्र में स्थिति उलट रही। यहां अचानक पानी बढ़ा तो उपखनिज निकासी में लगे दो टिप्पर नदी में कुछ दूरी तक बह भी गए। डीएलएम हल्द्वानी धीरेज बिष्ट ने बताया कि शुक्रवार को पानी की स्थिति देख निकासी होगी।

वर्षा और तेज हवा चलने की वजह से हल्द्वानी के कुछ क्षेत्रों में गुरुवार को बिजली सप्लाई प्रभावित रही। बीते कुछ दिनों से आपूर्ति प्रभावित होने का क्रम जारी होने की वजह से गौलापार सुल्तान नगरी के लोग काफी परेशान हैं। यूथ कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत साहू ने कहा कि निगम के अधिकारी समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं। कहा अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

नैनीताल में गुरुवार को जमकर ओले बरसे, जबकि वर्षा से सड़कें जलमग्न हो गईं। नगर में सुबह के समय मौसम सामान्य बना हुआ था। दोपहर होते ही बूंदाबांदी शुरू हो गई। इसके बाद ओले बरसने शुरू हो गए। साथ ही तेज बारिश भी शुरू हो गई। इसके कुछ देर बाद ही तेज बारिश थम गई, लेकिन रुक रुक कर कभी तेज तो कभी हल्की बारिश का क्रम देर शाम तक जारी रहा।

इन दिनों काफी संख्या में सैलानी पहुंचे हुए हैं। खराब मौसम के चलते तापमान में गिरावट आ गई और लोगों को गर्म ऊनी कपड़े पहनने के लिए मजबूर होना पड़ा। जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 25 व न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस रहा। आद्रता अधिकतम 80 व न्यूनतम 50 फीसद दर्ज की गई। वर्षा आठ मिमी हुई।

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