देहरादून में आंधी, यमुनोत्री धाम में बर्फबारी

देहरादून :प्रदेशभर में रविवार सात मई को मौसम का मिजाज मिलाजुला रहने की संभावना के बीच देहरादून में सुबह नौ बजे के बाद मौसम बदल गया। पहले बादल छाए और उसके बाद तेज आंधी चलने लगी। मुनोत्री धाम में करीब 1 घंटे तक बर्फबारी हुई है।

रविवार की सुबह जनपद उत्तरकाशी में मौसम अचानक बदला। यमुनोत्री धाम में करीब एक घंटे तक बर्फबारी हुई है। यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने बर्फ की फुहारों का आनंद लिया। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी, बड़कोट, नौगांव में वर्षा हुई। जबकि गंगोत्री व हर्षिल घाटी में बूंदाबांदी हुई।

यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित पुरुषोत्तम उनियाल ने कहा कि गत शनिवार की शाम को यमुनोत्री में वर्षा हुई थी। फिर रात के समय मौसम साफ रहा। सुबह के दौरान अचानक बादल घिर आए। तापमान में गिरावट आते ही यमुनोत्री और आसपास की पहाड़ियों पर करीब 9:30 बजे बर्फबारी शुरू हुई। जो करीब 10:45 बजे तक जारी रही।

दर्शन करने के लिए पहुंचे तीर्थयात्रियों ने बर्फबारी का आनंद लिया। अधिकांश तीर्थयात्रियों ने पहली बार बर्फ गिरते हुए देखी। तीर्थयात्री बेहद ही खुश नजर आए। तीर्थयात्रियों ने बर्फबारी के दृश्य को मोबाइल में कैद किया। भले ही यमुनोत्री धाम में बर्फ देर तक टिक नहीं पाई। लेकिन आसपास की ऊंची पहाड़ियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है।

वहीं आज रविवार को चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जनपदों में कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और ओलावृष्टि होने की संभावना है। इसे देखते हुए मौसम विज्ञान केंद्र ने यलो अलर्ट जारी किया है। देहरादून और मसूरी में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाये रहने की संभावना है।

शनिवार शाम को बदरीनाथ धाम, हेमकुंड व उत्तरकाशी जनपद के गोमुख क्षेत्र में बर्फबारी हुई, वहीं केदारनाथ धाम में शाम को हल्की बर्फबारी हुई। गंगोत्री एवं यमुनोत्री धामी में वर्षा होने से कड़ाके की ठंड महसूस की गई।

अन्य जनपदों में दोपहर तक धूप लिखी रही, लेकिन शाम के समय हल्के बादल छाये रहे। देहरादून व मसूरी में शाम पांच बजे से हल्के बादल छाये रहे।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि नौ मई तक प्रदेश के कुछ पहाड़ी जनपदों में कहीं-कहीं गरज के साथ वर्षा होने और चोटियों पर हल्की बर्फबारी होने की संभावना है। मैदानों में कही-कहीं बादल छाये रह सकते हैं।

गंगोत्री नेशनल पार्क ने तीर्थयात्रियों और ट्रेकरों को अनुमति देना शुरू कर दिया है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने और हिस्खलन की चेतावनी के कारण बीते 25 अप्रैल को गोमुख क्षेत्र की ट्रेकिंग पर रोक लगाई गई थी।

शनिवार की सुबह 24 तीर्थयात्री गोमुख की ट्रेकिंग पर गए। इनमें कुछ तीर्थयात्री लौट आए हैं, जबकि कुछ तपोवन में रूके हैं। गंगोत्री हिमालय क्षेत्र में वर्तमान में केवल दो पर्वतारोही दल हैं। एक दल मेरू चोटी तो दूसरा दल केदारडोम चोटी के आरोहण के लिए गया है।

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