हरिद्वार। सुकून और शांति की तलाश में पहड़ों के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार और तीर्थनगरी ऋषिकेश का भी रुख कर रहे हैं। हरिद्वार में इस हफ्ते के अंत तक यानी वीकएंड में यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। धर्माशाला, होटल और आश्रम में यात्रियों ने पहले से ही बुकिंग करा ली है। जिला पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल के मुताबिक 70 से 75 फीसद होटल, धर्मशालाएं और आश्रम भर चुके हैं।
कोरोना महामारी से लागू लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड में पर्यटन की गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई थी। लोग घरों में कैद हो गए थे, लेकिन जैसे ही अनलॉक-पांच हुआ यात्रियों ने अपने पसंदीदा टूरिस्ट प्लेस की ओर रुख करना शुरू कर दिया है।
धर्मनगरी हरिद्वार की बात करें, तो यहां भी यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वीकएंड पर दिल्ली एनसीआर से भी काफी तादाद में श्रद्धालु और पर्यटक यहां का रुख करते हैं। आने वाले कुछ दिनों में यहां यात्रियों की संख्या बढ़ सकती है। इसके लिए पहले से ही बुकिंग भी की जा चुकी है।
वहीं, नवरात्र के चलते भी इनदिनों मंदिरों के दर्शन के लिए लोग धर्मनगरी का रुख कर रहे हैं। आपको बता दें कि हफ्ते के आखिर में शुक्रवार शाम से ही यात्रियों का हरिद्वार आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। पिछले सप्ताह गंग नहर बंद कर दी गई थी, जिसके चलते कई घाटों पर पानी न के बराबर है। ऐसे में आशंका जताई जा रही थी की अनलॉक-5 में हरिद्वार आने वाले यात्रियों की संख्या पर इसका असर पड़ेगा, लेकिन ऐसा नजर नहीं आ रहा है।
दरअसल धर्मनगरी में इन दिनों एक माह की नहर बंदी चल रही है। इसकी वजह से हरकीपैड़ी समेत सभी गंगा घाटों पर पानी न के समान रह गया है। ऐसे में लगा था कि गंगा घाटों पर पानी न होने के चलते लोगों का रुझान कम होगा लेकिन ऐसा नजर नहीं आ रहा है।
हालांकि, गंगा की मुख्यधारा पर बने नमामि गंगे घाट सहित कुछ अन्य घाटों पर पानी है और मौसम भी सुहावना हो चला है। ऐसे में धर्मनगरी में भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आना-जाना लगा हुआ है। खास बात ये भी है कि यहां आने के बाद पर्यटक मसूरी-धनोल्टी जैसे हिल स्टेशन का रुख भी कर रहे हैं और अपनी छुट्टियों को और भी यादगार बनाने में जुटे हैं।
वहीं, जिला पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल का कहना है कि हरिद्वार का मौसम और यहां का प्राकृतिक वातावरण और गंगावा जंगल का आकर्षण यात्रियों को बरबस हरिद्वार खींच लाता है। यहां आने के बाद यात्रियों का मन आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने का भी करता है। इसलिए यहां उनका आना-जाना लगा रहता है।
ट्रेन और बस का संचालन बढ़ते ही यात्रियों की संख्या भी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के सख्त नियमों में सरकार के स्तर से मिली छूट का भी असर है कि अब होटल और धर्मशाला में रुकने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है।