मसूरी-चकराता में पर्यटकों का हुजूम

देहरादून: मैदानी इलाकों में गर्मी बढ़ते ही अब पर्यटक उत्‍तराखंड की वादियों का रुख करने लगे हैं। क्‍या नैनीताल, मसूरी और चकराता, हर हिल स्‍टेशन पर्यटकों के पटा हुआ है। वहीं ऋषिकेश और हरिद्वार के निवासी वीकेंड पर जाम के झाम से परेशान हो रहे हैं।

वीकेंड पर बड़ी संख्या में सैलानी पर्यटन स्थल मसूरी पहुंचे। शनिवार की रात यहां की रौनक देखते ही बन रही थी। माल रोड सहित लगभग सभी जगहों पर पर्यटकों का जमावड़ा दिखाई दिया। वहीं चकराता में भी कुछ इसी तरह का माहौल दिखाई दिया। पर्यटकों के पहुंचने से यहां की रौनक बढ़ गई है। पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ टाइगर फाल में रही।

शनिवार सुबह से ही पर्यटकों की आमद बढ़ने से छावनी बाजार में रौनक रही। सैलानियों ने चकराता बाजार में स्थानीय उत्पाद की खरीदारी की। टाइगर फाल, देव वन, कोटी कनासर, मोइला टाप, बुधेर, मुंडाली, चिरमिरी सनसेट सनराइज प्वाइंट, चिंताहरण महादेव मंदिर, रामताल गार्डन, किमोना फाल, चुरानी, लोखंडी आदि पर्यटन स्थलों के विहंगम नजारों को अपने कैमरे में कैद किया।

बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से व्यापारी व होटल व्यवसायी भी खुश नजर आए। पर्यटक रेस्टोरेंट में खाने का आनंद लेते दिखाई दिए। पर्यटकों ने बुरांश, अदरक का शर्बत, लाल चावल, मडुए का आटा, झंगोरा, भंगजीरा, चकराता की राजमा, उड़द, कुलत दाल, लोबिया, तोर, चुल्लू का तेल, स्थानीय फल चुल्लू, खुमानी, प्लम की खरीदारी की। चकराता छावनी बाजार के आसपास के रिसार्ट, होमस्टे लगभग फुल हो चुके हैं।

चकराता में सबसे अधिक पर्यटक दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से आए। सैलानी शिवम, अभिषेक, मनप्रीत कौर, सोनाक्षी आदि ने कहा कि चकराता अपने आप में काफी खूबसूरत पर्यटक स्थल है। यहां का शांत वातावरण व ठंडी हवा सुकून देने वाली है। लेकिन यहां पर शिमला, नैनीताल, मनाली, कुल्लू धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थल जैसी सुविधा नहीं मिल पाती।

पर्यटक सतेंदर त्यागी, अनिकेत गोयल, मनीष गोयल, मुकेश वर्मा आदि ने बताया कि उन्होंने टाइगर फाल व हरे-भरे जंगलों में खूब मस्ती की है। यहां पर अन्य पर्यटक स्थलों तरह महंगाई नहीं है। सभी का व्यवहार भी अच्छा है।

वहीं शनिवार को दिल्ली-हरिद्वार राजमार्ग पर वाहनों का दबाव बढ़ने के साथ ही पुलिस ने मंगलौर से वाहनों को सीधे देहरादून होते हुए हरिद्वार भेजना शुरू कर दिया। इस बात को लेकर वाहन चालकों की पुलिसकर्मियों से नोकझोंक होती रही। बाद में मंगलौर में जाम की स्थिति होने पर वाहनों को हरिद्वार होकर भेजना शुरू कर दिया गया। शनिवार दोपहर यातायात का दबाव काफी अधिक बढ़ गया।

वहीं, हरिद्वार से देहात पुलिस को बताया गया कि हरिद्वार में पार्किंग की जगह नहीं है, जाम लग रहा है। जिस पर पुलिस ने राजमार्ग पर यातायात का दबाव कम करने के लिए दिल्ली की ओर से आने वाले वाहनों को वाया भगवानपुर होते हुए देहरादून जाने के लिए कहा। इस बात को लेकर चालकों में नोकझोंक शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि अब उनको तीन-तीन टोल पर टैक्स देना होगा साथ ही दोगुना सफर तय करना पड़ेगा। इसलिए वह देहरादून होकर नहीं जाएंगे।

लेकिन, पुलिसकर्मियों ने व्यवस्था का हवाला देते हुए दून होकर ही जाने की सलाह दी। काफी देर तक नोकझोंक होती रही। बाद में मंगलौर में जाम लगना शुरू हो गया। जिसके चलते वाहनों को फिर से सीधे हरिद्वार होकर भेजना शुरू कर दिया, जबकि कुछ वाहनों को वाया लक्सर होते हुए हरिद्वार भेजा गया।

शनिवार को एक बार फिर से तीर्थनगरी ऋषिकेश में में वाहनों का अत्यधिक दबाव बढ़ जाने के कारण सड़कें जाम रही। ब्रह्मपुरी से नेपालीफार्म तक सड़कों पर वाहन रेंगते हुए नजर आए। जाम का असर देहरादून मार्ग पर रानीपोखरी तक देखा गया।

जगह-जगह लगने वाले जाम के चलते पर्यटकों व स्थानीय नागरिकों को भी समस्या का सामना करना पड़ा। भीषण गर्मी के साथ जाम के चलते यात्री हलकान रहे। श्यामपुर फाटक में दिनभर जाम रहा, जिससे ग्रामीण भी जाम में फंसे रहे।

जाम लगने से 15 किमी की दूरी तय करने में एक से दो घंटे तक का सयम लग गया। जाम में फंसे पर्यटकों को घंटों तक आगे बढ़ने का इंतजार करना पड़ा। इन दिनों चारधाम यात्रा चरम पर है, इसके साथ ही सप्ताहांत और ग्रीष्मकालीन अवकाश होने के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक ऋषिकेश व उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं। शनिवार को सड़कों पर वाहनों की कतार में सबसे अधिक वाहन दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व अन्य राज्यों के नजर आए।

चारधाम यात्रा तथा पर्यटन काल में यातायात को सुचारू बनाने के लिए पुलिस ने ट्रैफिक प्लान भी लागू किया है। मगर, पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी यातायात व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। हाईवे से लेकर बाजारों और आवासीय क्षेत्र की गलियों में भी वाहनों की कतारें लग रही हैं।

पुलिस यातायात प्लान के मुताबिक वाहनों को मुख्य तिराहे और चौराहों से डायवर्ट तो करती है, मगर, गूगल मैप के चलते पर्यटक आवासी कालोनियों और आंतरिक मार्गों पर अपने वाहन मोड़ देते हैं। जिससे आंतरिक मार्गों पर भी जाम के कारण स्थानीय नागरिकों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *