पंरपरा: गंगा जल में मिलाया जाता है सिंधु नदी का जल !

हरिद्वार: शदाणी दरबार के सप्तम पीठाधीश्वर संत राजाराम साहिब की 63वीं बरसी पर तीन दिवसीय महोत्सव शनिवार से शुरू हो गया। महोत्सव में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 306 हिंदू श्रद्धालुओं का जत्था शनिवार को हरिद्वार पहुंच गया। अखिल भारतीय सनातन परिषद ने पाकिस्तान से आए इन श्रद्धालुओं को पटका पहनाकर और फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया।

शदाणी दरबार के नवम पीठाधीश्वर डा. संत युधिष्ठिर लाल ने कहा कि पाकिस्तान से हर साल श्रद्धालुओं का जत्था शदाणी दरबार में आता है। पाकिस्तान में स्थित सिंध क्षेत्र में करीब 315 साल पहले 1708 में शदाणी दरबार की स्थापना की गई थी। तब से भारत और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच रिश्ता बना हुआ है। अप्रैल में पाक से श्रद्धालुओं का जत्था भारत भ्रमण के लिए आता है।

श्रद्धालु पाकिस्तान से सिंधु नदी का जल लेकर भारत आते हैं और यहां गंगा नदी के जल में मिलाते हैं। यह कार्य अपनी संस्कृति को जीवंत करने की दिशा में वर्ष 1976 में हुए इंडो-पाक समझौते के बाद से चल रहा है।

अखिल भारतीय सनातन परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि शदाणी दरबार तीर्थ भारत के श्रद्धालुओं को पाकिस्तान और पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं को भारत भ्रमण कराकर सिंधु को गंगा व गंगा को सिंधु में मिलाने का कार्य कर रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति की खासियत ही ये है कि इसके प्रति हर किसी को आकर्षित हो जाता है। वर्षों से शदाणी दरबार भारत और पाक की अध्यात्मिक यात्रा का सेतु बना है।

स्वागत करने वालों में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजवीर सिंह कटारिया, स्वामी सतीश वन, अविक्षित रमन, महामंत्री पुरषोत्तम शर्मा, सचिव सतीश वन, मानवेंद्र सिंह, वासु सिंह आदि शामिल रहे।

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