ज्वालामुखी की राख में छिपा है खजाना

नई दिल्ली: इथियोपिया के ज्वालामुखी हेली गुब्बी (Hayli Gubbi) की राख भारत तक आ गई है। यह ज्वालामुखी 12 हजार साल बाद रविवार को अचानक फट गया था। इसकी राख लाल सागर पार करते हुए यमन और ओमान के बाद इथियोपिया से 4300 किमी दूर दिल्ली के आसमान पर भी छा गई है।

ज्वालामुखी का गुबार देश के कई राज्यों के आसमान पर फैल गया है। इसे देखते हुए कई एयरलाइंस ने अपनी फ्लाइट्स रद्द कर दी हैं। ज्वालामुखी की राख जहां सेहत के लिए हानिकारक होती है तो वहीं इसमें ‘खजाना’ छिपा होता है।

दरअसल, ज्वालामुखी की राख में कई महत्वपूर्ण खनिज होते हैं। वहीं इसमें एक धातु तो ऐसी है जिसकी कीमत सोने से दोगुनी है और धरती पर बहुत कम पाई जाती है। इसका नाम रोडियम (Rhodium) है। ज्वालामुखी की राख में सोने और चांदी के साथ एल्यूमीनियम, आयरन, कॉपर, जिंक, निकिल आदि मेटल भी होती हैं। हालांकि ज्वालामुखी की राख में यह कोई भी मेटल मुक्त अवस्था में नहीं पाई जाती। लेकिन राख को प्रोसेस किया जाए तो इन मेटल का अलग किया जा सकता है।

ज्वालामुखी की राख मुख्य रूप से सिलिकेट खनिजों से बनी होती है। इसमें कई तरह की मेटल पाई जाती है। इनमें आयरन (Fe), मैग्नीशियम (Mg), पोटेशियम (K), लेड (Pb), कैडमियम (Cd), आर्सेनिक (As), कॉपर (Cu) आदि प्रमुख हैं। इनके अलावा इसमें सोने और चांदी की भी कुछ मात्रा मौजूद होती है। हालांकि राख में कौन सी धातु कितनी मात्रा में होगी, यह ज्वालामुखी की मैग्मा केमिस्ट्री और विस्फोट के प्रकार पर निर्भर करता है।

ज्वालामुखी की राख में दुनिया की सबसे महंगी धातुओं में शामिल रोडियम भी पाई जाती है। हालांकि यह राख में विभिन्न मेटल के साथ मिली होती है जिसे अलग करना यानी प्रोसेस करना काफी मुश्किल भरा काम होता है। इसका इस्तेमाल ज्वेलरी बनाने और ज्वेलरी को चमकाने में भी किया जाता है।

साथ ही इसका इस्तेमाल कार आदि जगह पर हवा को साफ करने में भी होता है। रोडियम की कीमत सोने से करीब दोगुनी है। अभी 10 ग्राम रोडियम की कीमत करीब 2.32 लाख रुपये है। वहीं 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 1.25 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम है।

ज्वालामुखी की राख में बेशक कीमत मेटल छिपे हों, लेकिन इसमें छिप खतरनाम मेटल को भी इग्नोर नहीं किया जा सकता। इनमें लेड, कैडमियम, आर्सेनिक, मर्करी आदि शामिल हैं। ये मेटल ऐसी हैं जो इंसान के लिए जानलेवा हो सकती हैं। राख के साथ सांस के जरिए ये शरीर में चली जाती हैं और इंसान को बीमार बना सकती हैं।

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