कर्नाटक में फंसा पेच

कर्नाटक: सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार. कर्नाटक की कमान किसके हाथों में जाएगी. पिछले 4 दिन से कांग्रेस पार्टी इसी को लेकर बैठकों में उलझी है. डीके शिवकुमार को कांग्रेस ने डिप्टी चीफ मिनिस्टर, 5-7 मंत्री पद और कर्नाटक कांग्रेस का अध्यक्ष का ऑफर दिया है. लेकिन डीके शिवकुमार ने इनकार कर दिया.

सीएम को लेकर पार्टी आलाकमान की पहली पसंद सिद्धारमैया हैं. दोनों में से कोई नेता झुकने को तैयार नहीं है. इसी कारण 4 दिन से दिल्ली टू बेंगलुरु सियासी ड्रामा जारी है. पार्टी को उम्मीद थी कि बुधवार को राज्य का गतिरोध खत्म हो जाएगा लेकिन पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भी दोनों नेताओं के तेवर बदले नहीं हैं.

सूत्रों के मुताबिक, शिवकुमार दावा कर रहे हैं कि करीब 25 साल के बाद वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों ने उनकी वजह से कांग्रेस को वोट दिया है और अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो पार्टी उनका समर्थन खो देगी. उन्होंने उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने और सिद्धारमैया के साथ काम करने से इनकार कर दिया.

शिवकुमार ने खड़गे से कहा कि इसके बजाय वह विधायक बने रहेंगे और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अगर खड़गे खुद मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वह उन्हें पूरा समर्थन देंगे.

हालांकि, पार्टी ने ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर भी चर्चा की है. लेकिन इस पर भी डीके ने शर्त रख दी है. डीके ने कहा है कि इस फॉर्मूले में शुरुआती ढाई साल उनको सरकार चलाने दी जाए और बाकी अवधि में सिद्धारमैया शासन संभालें. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि या तो मुझे शुरुआती कार्यकाल दिया जाए या फिर उनको कुछ भी नहीं चाहिए. उस स्थिति में भी मैं खामोश रहूंगा.

दूसरी ओर, सिद्धारमैया शिवकुमार के खिलाफ आपराधिक मामलों का हवाला दे रहे हैं और तर्क दे रहे हैं कि अगर शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो बीजेपी इसका इस्तेमाल राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पर हमला करने के लिए करेगी.

सिद्धारमैया ने कहा कि अहिंडा वोट बैंक ने कांग्रेस की जीत में योगदान दिया है और वह उनके नेता हैं. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, तो कांग्रेस अगले साल लोकसभा चुनाव हार जाएगी. शिवकुमार ने खड़गे से कहा है कि दलित और अल्पसंख्यक वोट हमेशा कांग्रेस के पास थे और सिद्धारमैया उन्हें अपना नहीं बना सकते.

अब दोनों के दावों पर हाईकमान विचार कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि डीके शिवकुमार या फिर सिद्धारमैया अकेले शपथ न लें. चूंकि यह सामूहिक नेतृत्व है इसलिए 8-10 मंत्री भी शपथ लें. वहीं कर्नाटक में सियासी गेम कुछ दिन और चलेगा. इसके संकेत कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने दे दिये हैं.

उन्होंने कहा कि अभी सीएम को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है. अगले 48-72 घंटे में कर्नाटक में नया कैबिनेट होगा. दूसरी ओर दिल्ली में डीके शिवकुमार ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की है, जिसकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं.

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