वॉशिंगटन/कीव. यूक्रेन में रूस की बर्बरता और बढ़ती तबाही देख अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भड़क उठे. रविवार को व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अब रूस पर और कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने का समय आ गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि युद्ध रोकने और रूस को बातचीत की मेज पर लाने के लिए अमेरिका सैंक्शन के दूसरे चरण में जाने को पूरी तरह तैयार है. ट्रंप ने कहा, अब तक जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, वे नाकाफी हैं. यदि रूस ने अपनी आक्रामकता जारी रखी, तो हम और सख्त कदम उठाएंगे. हमारा मकसद स्पष्ट है, रूस को मजबूर करना कि वह युद्ध खत्म कर शांति वार्ता शुरू करे.
ट्रंप ने यूरोपीय सहयोगियों से भी समर्थन की अपील की और कहा कि रूस की हरकतें वैश्विक शांति को खतरे में डाल रही हैं. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब रूस ने यूक्रेन पर अभूतपूर्व हमला तेज कर दिया है. कीव में यूक्रेन सरकार की मुख्य इमारत पहली बार युद्ध के दौरान सीधे निशाने पर आई. प्रधानमंत्री यूलिया स्विरिदेंको ने कहा कि इमारत की छत और ऊपरी मंजिलें क्षतिग्रस्त हुईं और आग लग गई. यह हमला उस समय हुआ जब रूस की सेना ने एक साथ 800 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए.
यूक्रेन की वायु सेना के अनुसार, नौ मिसाइलें और 56 ड्रोन देश के 37 स्थानों पर गिरे. आठ जगहों पर गिरा मलबा नागरिकों के लिए खतरा बन गया. इस हमले में चार लोगों की मौत हुई, जिनमें एक बच्चा और एक युवती भी शामिल हैं. राजधानी कीव के स्व्यातोशिन्स्की इलाके में नौ मंज़िला इमारत पर हमला हुआ. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इसे युद्ध को लंबा खींचने की सुनियोजित साज़िश करार दिया. उन्होंने कहा, यह क़त्ल है, जबकि असली कूटनीति कब की शुरू हो सकती थी. रूस जानबूझकर युद्ध बढ़ा रहा है ताकि दुनिया की राजनीतिक इच्छाशक्ति टूटे.
रूस ने जवाब में कहा कि उनके हमलों का निशाना यूक्रेन की सैन्य और औद्योगिक सुविधाएँ थीं. उन्होंने हथियारों के गोदाम और सैन्य परिवहन नेटवर्क को नुकसान पहुँचाने का दावा किया. वहीं कीव में सरकारी भवन पर हमला प्रतीकात्मक रूप से भी बड़ा संदेश है – यह दिखाता है कि रूस अब किसी सीमा का पालन नहीं कर रहा. कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने कहा कि संभव है कि ड्रोन को गिराने के प्रयास में यह हमला हुआ हो, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं है. उन्होंने बताया, “पचेर्स्क जिले में संभवतः ड्रोन गिराने के प्रयास के बाद सरकारी भवन में आग लगी.