नई दिल्लीः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकियां दे रहे हैं. लेकिन कमाल बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि वह उन्हें यह नहीं पता कि अमेरिका खुद रूस से कितने यूरेनियम और फर्टिलाइजर का व्यापार करता है.
यानी उन्हें खुद अपने घर का हिसाब नहीं पता और दूसरों के घर में वो रोटी गिन रहे हैं. ट्रंप ने एक बार फिर मॉस्को के साथ अपने व्यापारिक संबंध जारी रखने वाले देशों पर टैरिफ बढ़ाने का संकेत दिया, लेकिन टैरिफ कितना बढ़ाया जाएगा, इसको लेकर कोई संख्या का खुलासा नहीं किया.
दरअसल ट्रंप के बार-बार की धमकियों के बाद भारत ने अमेरिका और बाकि के पश्चिमी देशों के दोहरे स्टैंड का दुनिया के सामने रखा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका अब भी रूस से अपने परमाणु उद्योग के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम, फर्टिलाइजर और रसायन आयात करता है.’
भारत के इस दावे पर जब ट्रंप से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता. मुझे इसकी जांच करनी होगी.” उन्होंने यह टिप्पणियां व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कीं, जो मूल रूप से 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज से तीन साल से भी पहले यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू किया था. जंग अभी भी खत्म होती नहीं दिख रही है. तीन साल से जंग चलने के बाद भी अमेरिका अभी भी समृद्ध यूरेनियम सहित अरबों डॉलर मूल्य की रूसी ऊर्जा और वस्तुओं का आयात करता है.
जनवरी 2022 से अमेरिका ने 24.51 अरब डॉलर का रूसी सामान आयात किया है. अकेले 2024 में, वाशिंगटन ने मास्को से $1.27 बिलियन के उर्वरक, $624 मिलियन के यूरेनियम और प्लूटोनियम और लगभग $878 मिलियन के पैलेडियम का आयात किया.
रूस से ऊर्जा खरीदने वाले देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की उनकी धमकी के बारे में पूछे जाने पर, ट्रंप ने कहा, “मैंने कभी प्रतिशत नहीं कहा, लेकिन हम इसमें काफी कुछ करेंगे. हम देखेंगे कि अगले काफी कम समय में क्या होता है… हमारी कल रूस के साथ बैठक है. हम देखेंगे कि क्या होता है…”
भारत ने ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की धमकी का अब मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया है. भारत ने कहा कि किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा. इसके लिए हमें निशाना बनाया जाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया है, “यूरोपीय संघ ने 2024 में रूस के साथ 67.5 अरब यूरो का माल और 2023 में 17.2 अरब यूरो का सेवा व्यापार किया था. यह मास्को के साथ भारत के कुल व्यापार से कहीं ज्यादा है. पिछले साल यूरोपीय देशों ने रूसी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का आयात भी रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तक पहुंचा, जिसमें ऊर्जा के अलावा उर्वरक, रसायन, इस्पात और मशीनरी तक का व्यापार शामिल था.”
भारत ने यह भी कहा कि अमेरिका रूस से प्रमुख वस्तुओं का आयात जारी रखे हुए है, जिनमें परमाणु संयंत्रों के लिए यूरेनियम, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पैलेडियम, और विभिन्न रसायन एवं उर्वरक शामिल हैं.