दक्षिण चीन सागर में दो अमेरिकी एयरक्राफ्ट हादसे का शिकार

वॉशिंगटन :दक्षिण चीन सागर में रविवार को दो बड़े हादसे हुए। यहां अलग-अलग घटनाओं में अमेरिका की नौसेना का हेलीकॉप्टर और एक लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। हालांकि, इन दोनों ही एयरक्राफ्ट के पायलट और क्रू को सुरक्षित निकाल लिया गया। अमेरिकी नौसेना के प्रशांत बेड़े की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, इन दोनों घटनाओं को लेकर जांच बिठा दी गई है।

अमेरिकी नौसेना ने सोशल मीडया पर एक बयान जारी कर बताया कि रविवार दोपहर को नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज से रूटीन अभियान के लिए निकला एमएच-60आर सीहॉक हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। यह हादसा स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2.45 बजे हुआ। राहत-बचाव अभियान के दौरान सभी तीन क्रू सदस्यों को निकाल लिया गया। नौसेना के मुताबिक, हेलीकॉप्टर का संचालन मैरीटाइम स्ट्राइक स्क्वॉड्रन की बैटल कैट्स टीम कर रही थी।

इस घटना के लगभग आधे घंटे बाद ही 3.15 बजे यूएसएस निमित्ज से उड़ान भरने वाला एफ/ए-18एफ सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान भी क्रैश हो गया। यह भी रूटीन अभियान पर था। बताया गया है कि यह लड़ाकू विमान स्ट्राइक फाइटर स्क्वॉड्न की फाइटिंग रेडकॉक्स टीम के पास था। हादसे के दौरान इसके पायलट सफलतापूर्वक बाहर निकलने में सफल हुए और इन्हें बचा लिया गया।

अमेरिकी नौसेना के मुताबिक, निमित्ज पश्चिमी तट पर लौटने से पहले अपनी अंतिम तैनाती के वापसी चरण में है। यह विमानवाहक पोत, इसके क्रू और एयर विंग, 26 मार्च को पश्चिमी तट से रवाना हुए थे। यह विमानवाहक पोत, वाणिज्यिक जहाजों पर हूतियों के हमलों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तहत, अधिकांश समय तक पश्चिम एशिया में सेवाएं दे रहा था। यह विमानवाहक पोत 17 अक्तूबर को दक्षिण चीन सागर में प्रवेश कर गया था।

गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से पर चीन अपना दावा करता आया है। इस सागर को लेकर उसके पूर्वी एशिया के कई देशों से टकराव भी रहे हैं। इनमें सबसे ताजा विवाद फिलीपींस से रहा, जिसके नागरिक जहाजों से लेकर सैन्य पोत तक को चीन ने निशाना बनाने की कोशिश की है।

चौंकाने वाली बात यह है कि दक्षिण चीन सागर के अधिकतर हिस्से पर पर चीन के दावे को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय नकार चुका है। हालांकि, इसके बावजूद चीन इस क्षेत्र में लगातार अपना शक्ति परीक्षण करता रहा है। दूसरी तरफ अमेरिका भी अपने नौसैनिक युद्धपोत, विमानवाहक पोत भेजकर इस क्षेत्र में चीन को चुनौती देती आया है।

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