20 साल पुराने सॉफ्टवेयर से यूक्रेन ने तबाही मचा दी

नई दिल्ली :यूक्रेन ने हाल ही में रूस के भीतर एक बड़े पैमाने पर ड्रोन हमला किया, जिसे ऑपरेशन स्पाइडर वेब नाम दिया गया। यह हमला रूस की रणनीतिक लंबी दूरी की बमवर्षक क्षमता को निशाना बनाते हुए, बेलाया, ओलेन्या और इवानोवो में स्थित वायुसेना अड्डों पर किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में रूस के ऐसे विमानों का एक-तिहाई हिस्सा नष्ट कर दिया गया जो गहरे क्षेत्र में और फ्रंटलाइन से काफी दूर तैनात थे।

404 मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस ऑपरेशन में ArduPilot नाम के लगभग 20 साल पुराने ओपन सोर्स ऑटोपायलट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया। यह सॉफ्टवेयर 2007 में क्रिस एंडरसन ने विकसित किया था, जिन्होंने इसे सबसे पहले Lego Mindstorms किट के जरिए अपने बेसमेंट में बनाया था। बाद में एंडरसन ने जोर्डी मुनेज और जेसन शॉर्ट के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को और निखारा और इसे एक समुदाय-आधारित प्लेटफॉर्म में बदल दिया, जो आज ड्रोन, बोट, पनडुब्बी और रोवर्स तक को नियंत्रित कर सकता है।

ArduPilot सॉफ्टवेयर को शुरू में Arduino हार्डवेयर के साथ काम करने के लिए डिजाइन किया गया था और इसे खोज एवं बचाव, कृषि कार्य और 3D मैपिंग जैसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए विकसित किया गया था, लेकिन इसकी ओपन-सोर्स प्रकृति ने इसे युद्ध में भी उपयोगी बना दिया। इस सॉफ्टवेयर से GPS-निर्देशित रास्ते तय किए जा सकते हैं, टेकऑफ और लैंडिंग को ऑटोमैट किया जा सकता है और हवा में ड्रोन की स्थिरता बनाए रखी जा सकती है।
हमले की तकनीक: छिपे ड्रोन, रूसी मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल

ऑनलाइन साझा किए गए वीडियो फुटेज से पता चलता है कि यूक्रेनी ऑपरेशन में ड्रोन ArduPilot से संचालित हो रहे थे। रिपोर्ट में बताया गया कि यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने इन ड्रोन को ट्रकों और गोदामों में छिपाकर रूसी क्षेत्र के भीतर तस्करी कर पहुंचाया था। जब हमला शुरू हुआ, तो इन छिपे हुए कंटेनरों की छतें खुलीं और विस्फोटक से लदे ड्रोन एकसाथ छोड़े गए।

रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि इन ड्रोन ने Starlink जैसे सैटेलाइट सिस्टम पर निर्भर होने के बजाय रूसी मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल किया। Raspberry Pi जैसे साधारण बोर्ड और मॉडेम से ड्रोन कंट्रोल किया गया। भले ही नेटवर्क में लेटेंसी अधिक थी, लेकिन ArduPilot ने ड्रोन की स्थिरता और दिशा नियंत्रण में मदद की।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पुष्टि की कि इस ऑपरेशन में 117 ड्रोन शामिल थे और इसकी योजना एक साल से अधिक समय से बनाई जा रही थी। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “34% रणनीतिक क्रूज मिसाइल वाहक विमानों को निशाना बनाया गया। हमारे कर्मी रूस के तीन अलग-अलग टाइम जोन में सक्रिय थे।” उन्होंने यह भी बताया कि इस मिशन में सहयोग करने वाले सभी लोग रूस से सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं।

इस ऑपरेशन ने यह दिखा दिया कि किस तरह पुराना ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर, जिसे कभी शौकिया उद्देश्यों के लिए बनाया गया था, आज आधुनिक युद्ध की दिशा बदलने में सक्षम हो सकता है।

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