देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव से भेंट कर त्यूनी-प्लासू जल विद्युत परियोजना के लिए वन भूमि के हस्तांतरण के साथ ही रुपसियाबगड जल विद्युत परियोजना के लिए वांछित पर्यावरण स्वीकृति एवं वन भूमि हस्तानांतरण की स्वीकृति दिए जाने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री को अवगत कराया कि विद्युत ऊर्जा की आवश्यकताओं के लिए उत्तराखण्ड को अन्य राज्यों एवं केन्द्रीय पूल से विद्युत ऊर्जा क्रय करनी पड़ती है। विद्युत आपूर्ति की समुचित व्यवस्था एवं राज्य की बढ़ती जरूरतों की पूर्ति के लिए नई पर्यावरण अनुकूल जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण आवश्यक है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे तथा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में अत्यधिक मदद मिलेगी और राज्य की पलायन की समस्या पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य में यमुना नदी की सहायक नदी टौंस पर प्रस्तावित 72 मेगावाट क्षमता की त्यूनी-प्लासू जल विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए आवश्यक 47.547 हे. वन भूमि एवं राजस्व भूमि (बंजर भूमि) के हस्तांतरण की शीघ्र स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य में गंगा नदी पर प्रस्तावित परियोजनाओं पर स्वीकृति प्राप्त न होने से यमुना नदी पर तथा कुमायूं क्षेत्र में गौरीगंगा, धौलीगंगा नदियों पर नयी विद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया जाना नितांत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सिरकारी भ्योल रुपसियाबगड जल विद्युत परियोजना गौरी गंगा नदी पर प्रस्तावित पहली परियोजना है। 120 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना के लिए आवश्यक पर्यावरणीय स्वीकृति तथा 29.997 हे. वन भूमि के हस्तांतरण के प्रस्ताव पर शीघ्र स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक महत्व एवं राष्ट्रहित को देखते हुए राज्य की इन जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया जाना लाभकारी होगा।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री से ऋषिकेश स्थित त्रिवेणी घाट से नीलकंठ महादेव मंदिर तक रोपवे विकास के प्रस्ताव को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में स्वीकृत करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह योजना क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन के विकास तथा यातायात के बढ़ते दबाव को कम करने के साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगी।