उत्तराखंड: खत्म होगी प्रवक्ता और सहायक अध्यापक कला में बीएड की अनिवार्यता

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग) और सहायक अध्यापक (कला संवर्ग) सेवा नियमावली में संशोधन करने पर सहमति दे दी है। इससे प्रवक्ता कला और सहायक अध्यापक (कला) पद के लिए बीएड प्रशिक्षण की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी। उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग) और एलटी (कला संवर्ग) सेवा नियमावली में बीएड प्रशिक्षण की अनिवार्यता को खत्म किए जाने के लिए नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव किया गया था।

शासन को जानकारी दी गई थी कि वर्ष 2019 से पहले प्रवक्ता कला के लिए बीएड की शर्त नहीं थी। साथ ही एनसीटीई के मानक भी प्रायोगिक विषय होने के कारण प्रवक्ता कला विषय के लिए लागू नहीं होते हैं।कैबिनेट के निर्णय के अनुपालन के लिए उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा नियमावली, 2008 यथा संशोधित 2019 में परामर्शी विभागों के विधि परीक्षण प्रारूप के अनुसार संशोधन किए जाने का प्रस्ताव किया गया। अब इस प्रकरण में मुख्यमंत्री ने प्रवक्ता कला में बीएड प्रशिक्षण की अनिवार्यता को खत्म किए जाने पर सहमति दे दी है। इसी तरह से एलटी कला में बीएड प्रशिक्षण की अनिवार्यता खत्म किए जाने पर भी मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी है।

 

प्रदेश में प्राथमिक के सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति के लिए अब राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) से निजी स्कूलों में सेवारत डीएलएड प्रशिक्षित पात्र हो गए हैं। मौजूदा भर्ती प्रक्रिया में इन्हें शामिल करने के लिए शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को आदेश जारी किए। वर्तमान में राज्य के सभी जिलों में प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती चल रही है। अब एनआइओएस से 18 माह का डीएलएड प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थी भी इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।

 

एनसीटीई बीती छह जनवरी को एनआइओएस के डीएलएड प्रशिक्षण को मान्यता देने की अधिसूचना जारी कर चुका है। इस अधिसूचना के मद्देनजर राज्य सरकार ने उक्त अभ्यर्थियों को भी शिक्षक भर्ती में शामिल होने को मान्य कर दिया है। दरअसल एनसीटीई के अधिसूचना के बाद राज्य सरकार इसका पालन करने को बाध्यकारी मान रही है। प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता की शर्तें एनसीटीई तय करता है।

हालांकि इस वजह से निजी स्कूलों में शिक्षक के तौर पर कार्यरत और बेरोजगार युवा बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के पात्र हो गए हैं। वर्तमान में पूरे प्रदेश में जिलेवार प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त करीब 2600 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। अब ऐसे डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षक पात्र होंगे, जो टीईटी उत्तीर्ण कर चुके हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *