देहरादून। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड में अगले माह शुरू होने वाली चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कहा कि चारधाम के कपाट तय तिथियों को खुलेंगे, मगर फिलहाल यात्रा स्थगित रहेगी। परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले दिनों में स्थानीय निवासियों को अनुमति देने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
बता दें कि केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि पहले ही घोषित की जा चुकी है। केदारनाथ के कपाट 17 मई और बदरीनाथ के कपाट 18 मई को खोले जाएंगे। वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे।
विश्व विख्यात भगवान बदरीनाथ मंदिर के 18 मई को कपाट खुलने से पहले नरेंद्र नगर स्थित राज महल में सुहागिनों ने भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए तिल का तेल पिरोया। जिसके बाद तिल के तेल का यह कलश (गाडू घड़ा) को बदरीनाथ धाम के लिए पूजा अर्चना के बाद विधि विधान से रवाना कर दिया गया है।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रचार अधिकारी हरीश गौड़ ने बताया कि नरेंद्र नगर स्थित राज महल में सुहागिन महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर भगवान बदरी विशाल की ज्योति में जलने व लेपन में उपयोग किए जाने वाले, तिल के तेल को पूजा अर्चना के साथ विधि विधान से टिहरी सांसद महारानी राज्य लक्ष्मी शाह व पंडित शिवानंद जोशी के संचालन में निकाला गया।
जिसके बाद तिल तेल के गाडू घड़े को डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधियों को सौंपा गया। जो गाडू घड़े को आगामी 17 मई की शाम को लेकर बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे। इससे पहले यह घड़ा डिमर गांव के लक्ष्मी नारायण मंदिर में पहुंचेगा। इस तेल गाडू घड़े को राज महल में डिमरी पंचायत के प्रतिनिधि पंकज डिमरी, नरेश डिमरी, दिनेश डिमरी, ज्योतिष डिमरी, अंकित एवं अरविंद डिमरी को सौंपा गया। यह सभी लोग बुधवार की शाम को ही तेल कलश को लेने के लिए नरेंद्रनगर पहुंच गए थे।
हरीश गौड़ ने बताया कि इस वर्ष कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुपालन में तेल कलश यात्रा जो नरेंद्र नगर के बाद ऋषिकेश से नगर होते हुए डिमरगांव पहुंचती थी, को स्थगित कर दिया गया है। अब सादगी पूर्ण तरीके से डिमर गांव पहुंचेगा।