उत्‍तराखंड: विकराल हुई आग, 16 घर जलकर राख

चम्पावत : उत्‍तराखंड के जिलों में जंगल की आग भयानक होती जा रही है। आग की चपेट में सूबक के बई जिले हैं। चंपावत जिला मुख्यालय से 32 किमी दूर मंच गांव के जंगल में लगी आग बस्ती तक पहुंच गई और उसने मकानों को अपने आगोश में ले लिया। अग्निकांड से 16 परिवारों की पुस्तैनी बाखली ( पहाड़ पर एक लाइन में बने मकानों को बाखली कहते हैं) जलकर राख हो गई। वर्तमान में सभी पीडि़त परिवार टनकपुर में रह रहे हैं।

शनिवार की देर शाम जंगल में लगी आग गांव तक पहुंच गई। देखते ही देखते आग ने कुछ समय से छोड़ी गई पुस्तैनी मकानों की पूरी बाखली को अपनी चपेट में ले लिया। आग लगते ही गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दी। मौके पर पहुंचे वन विभाग और पुलिस कर्मियों ग्रामीणों के साथ आग बुझाना शुरू कर दिया लेकिन आग इतनी विकराल थी कि उस पर काबू नहीं पाया जा सका।

अग्निकांड से पान सिंह, दीवान सिंह, शीशपाल सिंह, दीपक सिंह, शंकर सिंह, नंदन सिंह, मदन सिंह, राजेंद्र सिंह, चंचल सिंह, सुंदर सिंह, फतेह सिंह के मकान जलकर राख हो गए। मकानों में देवदार की लकड़ी लगी थी जिससे आग ने विकराल रूप लिया। माना जा रहा है कि इस घटना से पीडि़त परिवारों को 10 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

रविवार की देर शाम तक किसी भी पीडि़त परिवार ने वन विभाग या पुलिस में इस संबंध में कोई तहरीर नहीं दी है। आग बुझाने में वन दारोगा मदन राम, हयात सिंह धौनी, जगदीश जोशी, प्रभारी थानाध्यक्ष प्रमोद सिंह, कांस्टेबल नारायण सिंह के अलावा सोनू सिंह, राहुल सिंह, विनोद सिंह, बची सिंह, आन सिंह आदि ने सहयोग किया।

 

चल्थी से चम्पावत के बीच जंगल धूं-धूं कर जल रहे हैं। पूरा मार्ग धुंए की धुंध से ठका हुआ है। रविवार को बेलखेत में आरजीबीएल कंपनी द्वारा किए स्लोप प्रोटेक्शन वर्क में आग लग गई। जिससे कंपनी को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। इस आग को बुझाने में कंपनी का साइट इंजीनियर भी घायल हो गया। जिसका पुलिस ने अमोड़ी भेजकर प्राथमिक उपचार कराया।

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