उत्तराखंडः सात जिलों में भारी बारिश की आशंका

देहरादून। उत्तराखंड में आफत की बारिश जारी है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नंदप्रयाग और पुरसाड़ी के बीच मलबा आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। चमोली से कोठियाल से बाइपास होते हुए वाहनों की आवाजाही हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को देहरादून और नैनीताल समेत सात जिलों में भारी बारिश की आशंका है।

बता दें कि बीती रोज हुई बारिश और भूस्खलन के कारण मलबा आने से गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक सड़कें बाधित हैं। मलबा आने से केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी आवाजाही बाधित है, जबकि भूस्खलन के कारण बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर यातायात में बाधित होते रहे। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 11 घंटे बाद सुचारु किया जा सका। गढ़वाल और कुमाऊं के ग्रामीण क्षेत्रों में मलबा आने से 155 सड़कें बंद हैं। नदी-नाले उफान पर हैं, हालांकि गुरुवार को गंगा समेत ज्यादातर नदियों के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन कुमाऊं में सरयू और गोमती का जलस्तर बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।

 

जनपद उत्तरकाशी में भी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं। भूस्खलन के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नगुण बैरियर के पास बंद है। जबकि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पालीगाड़, डाबरकोट, ओजरी और राना चट्टी के पास भारी भूस्खलन आने के कारण बंद हुआ। गत बृहस्पतिवार की शाम को धरासू बैंड में बाधित हुए यमुनोत्री राजमार्ग को सुचारू कर दिया गया है। इसके साथ ही जनपद के 40 संपर्क मार्ग भी बंद हैं। जिनसे 65 से अधिक गांवों का संपर्क कटा हुआ है। नौगांव के तुनाल्का में दिव्यांग स्कूल को जोड़ने वाली दीवार ढह गई है।

 

गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले में बारिश के दौरान कलोगी गंाव में गोशाला ढहने से तीन मवेशियों की मौत हो गई। जबकि टिहरी जिले में बेल्डागी गांव में भूस्खलन से दस मकान खतरे की जद में है। वहीं कुमाऊं में पिथौरागढ़ जिले में थल-मुनस्यारी मार्ग सड़क टूटने से 24 घंटे से मार्ग बंद है। यहां मुनस्यारी आने जाने वाले भारी वाहन फंसे हुए हैं। चीन सीमा को जोडऩे वाला व्यास मार्ग खुल चुका है परंतु दारमा मार्ग 43वें दिन भी बंद है। तीन दर्जन से अधिक गांव अभी भी अलग थलग पड़े हैं। बागेश्वर जिले में बारिश के बीच पांच के मकान क्षतिग्रस्त हो गए।

पहाड़ से लेकर मैदान तक मानसून जमकर बरस रहा है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में औसतन 42 मिमी बारिश रिकार्ड की गई, जबकि इसी अवधि में हरिद्वार जिले सर्वाधिक 85 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं, उत्तराखंड में 22 जुलाई से 28 जुलाई के बीच 106.7 मिमी बारिश रिकार्ड की गई, जो कि सामान्य से छह फीसद अधिक है। इस दौरान सर्वाधिक बारिश बागेश्वर में दर्ज की गई। यहां यह सामान्य से 135 फीसद अधिक रही।

 

नई टिहरी : लगातार हो रही भारी बारिश के चलते टिहरी झील का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। एक दिन में ही झील का जलस्तर तीन मीटर तक बढ़ गया है। गुरुवार को झील जलस्तर 795.20 मीटर तक पहुंच गया, जबकि बुधवार को जलस्तर 792.40 मीटर था। हालांकि अभी यह खतरे के निशान 831 मीटर से काफी दूर है। संभावना जताई जा रही है कि यदि इसी तरह से बारिश जारी रही तो दो-तीन दिन में जलस्तर आठ सौ मीटर तक पहुंच सकता है।

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