उत्तराखंडः कुदरत ने बुझाई जंगलों की आग

देहरादून। मौसम के बदले मिजाज से वन महकमे ने भी राहत की सांस ली है। मंगलवार रात और बुधवार को प्रदेशभर में हुई बारिश-बर्फबारी के बाद जंगलों में लगी आग काफी हद तक बुझ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी तक पहुंच चुकी आग पर भी काबू पा लिया गया है। मौसम के बदले मिजाज से उत्तरकाशी में गंगा घाटी और यमुना घाटी में 10 से अधिक स्थानों पर लगी आग पर काबू पा लिया गया है। उत्तरकाशी जनपद में 100 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल चुका है।

पखवाड़ेभर से धधक रहे उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग लगातार विकरात होती जा रही थी। पिछले सात दिन में ही आग की 557 घटनाओं में 814.72 हेक्टेयर वन क्षेत्र झुलस चुका है। वन विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद आग पर काबू नहीं पाया जा सका तो राज्य सरकार की गुहार पर केंद्र ने वायु सेना के चॉपर उपलब्ध कराए। तीन दिन से प्रदेश में वृहद स्तर पर आग बुझाने का कार्य किया जा रहा था, मगर कामयाबी कम ही मिल पा रही थी।

पौड़ी में भी बारिश से जंगलों में लगी आग बुझ गई। यहां खिसरू में आग पर काबू पाने के लिए सेना की भी मदद ली जा रही है। टिहरी में भिलंगना, आरगढ़, गोनगढ़, सेंदुल, कोटीफैगुल, चंबा के खुरेत, काणाताल के अलावा कीर्तिनगर प्रखंड के जंगलों की आग भी बारिश से बुझ गई है।

बीते 12 घंटे में प्रदेश में आग की 75 घटनाएं जरूर सामने आई हैं, लेकिन मंगलवार की तुलना में बुधवार को प्रभावित क्षेत्र का दायरा कम रहा। इस दौरान वन आरक्षित क्षेत्र में 34 और वन पंचायतों में 41 घटनाएं सामने आईं। इनमें कुल 93.02 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। हालांकि, बारिश होने के चलते ज्यादातर क्षेत्रों में आग स्वत: बुझ गई।

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