उत्तराखंड: आतंकवाद से मोर्चा लेंगी महिला कमांडो

देहरादून। अशोक कुमार (पुलिस महानिदेशक) ने कहा कि एटीएस में पहली बार महिला कमांडो को शामिल किया जा रहा है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद आगामी अप्रैल में इन महिला कमांडो को महाकुंभ में पहली तैनाती दी जाएगी। इससे महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर होगी।

उत्तराखंड पुलिस के आतंकवादी रोधी दस्ते (एटीएस) में अब महिला कमांडो भी नजर आएंगी। यह पहली बार है, जब प्रदेश में एटीएस में महिला कमांडो शामिल की जा रही हैं। इसके लिए महिला पुलिसकर्मियों के 22 सदस्यीय दस्ते को टिहरी के नरेंद्र नगर स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में कमांडो का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो कि लगभग पूरा हो चुका है। इस दस्ते में दो सब इंस्पेक्टर और 20 कांस्टेबल हैं। इसी महीने की 24 तारीख को इस दस्ते को एटीएस में शामिल किया जाना है। इस दस्ते की पहली ड्यूटी हरिद्वार में महाकुंभ में लगाई जाएगी।

एटीएस जैसी महत्वपूर्ण विंग में महिला कमांडो की नियुक्ति को पुलिस महकमे और प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ते कदम के रूप में देखा जा रहा है। एटीएस में महिला कमांडो को शामिल करने का निर्देश मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया था।

इन महिला कमांडों की बेसिक ट्रेनिंग के तहत इन महिला कमांडो को अभी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर नरेंद्र नगर में शारीरिक तौर पर मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे पहले इनकी ट्रेनिंग हरिद्वार क्षेत्र में कराई गई। इसमें उन्हें संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने समेत अन्य प्रशिक्षण दिया गया। महिला कमांडो की एडवांस ट्रेनिंग कुंभ मेला के बाद कराई जाएगी।

 

एटीएस की प्रमुख जिम्मेदारी, किसी भी तरह के महत्वपूर्ण आयोजनों में आतंकी गतिविधि को नाकाम करना और राज्य में आतंकी संगठनों को पनपने देने से रोकना है। राज्यों में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में एटीएस की बड़ी भूमिका रहती है। मौजूदा समय में उत्तराखंड पुलिस में एटीएस में पुरुष कमांडो ही हैं।

 

 

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