डंडों से खेला गया ‘युद्ध’, देखने को उमड़ी भीड़

आदिबदरी :नौठा कौथीक पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास मेला लाठी-डंडों के प्रतीकात्मक युद्ध के साथ संपन्न हुआ। मेले में सैकड़ों लोगों ने नौठा नृत्य का आनंद लिया। मेला का समापन विधायक अनिल नौटियाल ने किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास के लिए जिस प्रकार इस प्रकार इस मेले का आयोजन किया गया है वह अपने लक्ष्यों में सफल हो रहा है।

आयोजकों को इसके लिए बधाई दी व प्रत्येक महिला मंगल दल को पांच हजार व मेला कमेटी को दो लाख देने की घोषणा की। ठीक 12 बजे खेती व रंडोली के ग्रामीण खेती के मालगुजार दिनेश पंवार के नेतृत्व में गाजे-बाजे के साथ आदिबदरी के लिए रवाना हुए और पौने एक बजे आदिबदरी पहुंचे। मंदिर के प्रवेश द्वार पर महिलाओं ने नौठा नृत्य दल पर फूलों की बारिश की।

मंदिर परिसर में मेला कमेटी व मंदिर कमेटी के अध्यक्ष जगदीश बहुगुणा ने मालगुजार दिनेश पंवार को तिलक लगाया और फूल माला छाली व सरज की टोपी पहनाकर मखमली म्यान में लिपटी तलवार भेंट की। फिर खेतीव रंडोली के ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ युद्ध के लिए खली में कूदे। देर तक ढोल-दमाऊं की थाप पर प्रतीकात्मक युद्ध चला। युद्ध को देखने के लिए सैकड़ों की भीड़ मौजूद थी।

युद्ध के बाद दोनों दलों के योद्धा आपस में गले मिले और दोनों ने मिलकर भगवान आदिबदरीनाथ को नये अन्न का भोग लगाया। क्षेत्रीय गांवों की महिलाओं ने मंदिर प्रांगण में चांछरी, झुमैला, नृत्यों की प्रस्तुति दी। मेला मैदान में लगे पांडाल पर लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों का दिनभर सिलसिला जारी रहा। डांडा मज्याड़ी की महिलाओं ने सोंरु भोंरू भड बीरों के नाटक की आकर्षक प्रस्तुति दी। बेड़ी मल्ली की महिलाओं ने द्यूत क्रीड़ा नाटक प्रस्तुत किया।

गैरसैंण नगर पंचायत अध्यक्ष पुष्कर रावत ने इस मेले को बहुत सफल बताते हुए अन्य मेला आयोजकों के लिए एक सीख भी बताया। इस अवसर पर पूर्व मेला अध्यक्ष विजयेश नवानी, पूर्व उपाध्यक्ष विनोद नेगी, प्रधान यशवंत भंडारी, बलवंत भंडारी, बीरेंद्र भंडारी, चंद्रप्रकाश बहुगुणा, नंदा त्रिलोक खत्री, नरेंद्र चाकर, पंकज सती, नरेश बरमोला आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *