सूडान :सूडान (Sudan Conflict) के सशस्त्र बल (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच घंटो चली बातचीत के बाद संघर्षविराम पर सहमति बनी. इसके बाद भारत ऑपरेशन कावेरी के तहत अपने नागरिकों को वहां से निकाल रहा है. सूडान में अपने अनुभव को याद करते हुए हिंसा प्रभावित देश से निकाले गए भारतीयों में से एक ने कहा कि उन्होंने दोनों सेनाओं के बीच भयंकर लड़ाई देखी.
उन्होंने कहा, ‘हम भोजन के लिए संघर्ष कर रहे थे. ऐसा 2-3 दिनों तक जारी रहा.’एक अन्य भारतीय ने कहा कि अन्य लोगों के साथ उनकी कंपनी में उनके साथ लूटपाट की गई. उन्होंने हमें 8 घंटे तक बंधक बनाकर रखा. उन्होंने हमारे सीने पर रायफल रखी और हमें लूटा. हमारे मोबाइल चोरी कर लिए.
सूडान से निकाले गए भारतीय नागरिक ने कहा,’हम दूतावास के संपर्क में रहे और उन्हें बसों की व्यवस्था करने के लिए कहा, क्योंकि हमारे पास डीजल था. भारतीय नौसेना आई और हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया. मालूम हो कि सूडान पिछले 12 दिनों से देश की सेना और एक अर्धसैनिक समूह के बीच घातक लड़ाई देख रहा है, जिसमें लगभग 400 लोग मारे गए हैं.
शुरू किए गए मिशन ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत भारत ने जेद्दा में एक ट्रांसिट सुविधा स्थापित की है और सभी भारतीयों को सूडान से निकालने के बाद सऊदी अरब ले जाया गया है. भारतीय वायु सेना (IAF) के दो सैन्य परिवहन विमानों ने सूडान से 250 से अधिक भारतीयों को निकाला, जबकि नौसैनिक जहाज ने संघर्षग्रस्त देश से अन्य 278 नागरिकों को बचाया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सूडान से अब तक निकाले गए भारतीयों की कुल संख्या लगभग 530 है.
278 भारतीयों के पहले जत्थे को मंगलवार को भारतीय नौसेना के फ्रंटलाइन जहाज INS सुमेधा से रवाना किया गया. फिर भारतीय वायुसेना का C130J विमान और अधिक भारतीयों को वापस लाने के लिए पोर्ट सूडान में उतरा. इसके बाद एक अन्य C130J द्वारा लोगों को सूडान से निकाला गया. इतना ही नहीं विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन मिशन की निगरानी के लिए खुद जेद्दा पहुंचे हैं.
सूडान के अधिकारियों के अलावा सूडान में विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अमेरिका के साथ नियमित संपर्क में रहे हैं. संकटग्रस्त सूडान से निकाले गए भारतीयों की मदद के लिए कई राज्यों ने हेल्प डेस्क बनाया है. लोगों के लिए मुफ्त यात्रा और आवास जैसी सहायता देने की घोषणा की है.