फिर भड़की जंगल की आग, 24 घंटे में 50 नई घटनाएं

देहरादून। चढ़ते पारे के साथ उत्तराखंड के जंगलों में फिर से आग भड़कने लगी है। 24 घंटे के भीतर ही प्रदेशभर में 50 नई घटनाएं हुईं, जिनमें बड़े पैमाने पर वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। जबकि, कई क्षेत्रों में जंगल की आग रिहायशी इलाकों के करीब पहुंच गई, जिससे ग्रामीणों और मवेशियों को खतरा बना हुआ है। वन विभाग, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड आग पर काबू पाने में जुटी हुई हैं। हालांकि, जंगलों में जानबूझकर आग लगाने वाले शरारती तत्व भी बाज नहीं आ रहे हैं। वन विभाग की टीम ने तीन और आरोपितों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

पखवाड़ेभर से उत्तराखंड के जंगल धधक रहे हैं। तमाम प्रयास के बावजूद लगातार बढ़ रही घटनाओं पर अंकुश लगाना मुश्किल साबित हो रहा है। बीते मंगलवार को हुई बारिश-बर्फबारी के बाद कुछ राहत जरूर मिली थी, लेकिन अब फिर से आग विकराल होने लगी है। 24 घंटे के भीतर प्रदेशभर में हुई 50 घटनाओं में कुछ 60 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इस दौरान गढ़वाल 47 और कुमाऊं में तीन घटनाएं हुईं। गढ़वाल में पौड़ी और टिहरी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

श्रीनगर और नई टिहरी में वनों की आग विकराल हो चुकी है। हालांकि, उत्तरकाशी और चमोली में भी कहीं-कहीं जंगल की आग चुनौती बनी हुई है। कुमाऊं में नैनीताल से लेकर बागेश्वर तक कई स्थानों पर जंगल आग की चपेट में आ गए। नैनीताल शहर के समीपवर्ती खूपी क्षेत्र के जंगलों में भीषण आग लगी है।

उधर, फायर सीजन पहले ही चुनौती बना हुआ है। ऊपर से कुछ शरारती तत्व वनों में जानबूझकर आग लगा रहे हैं। रविवार को श्रीनगर के पास दो व्यक्तियों को आग लगाते हुए गिरफ्तार किया गया, जबकि एक व्यक्ति नई टिहरी में जंगल में आग लगाते धरा गया। वन विभाग ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पीसीसीएफ राजीव भरतरी ने बताया कि जंगल की आग बुझाने को एनडीआरएफ की तीन टीमों का सहयोग लिया जा रहा है। चंपावत, नैनीताल और पौड़ी में वन विभाग की टीम एनडीआरएफ के साथ मिलकर आग बुझाने में जुटी हैं। वहीं, शहरी क्षेत्रों से सटे इलाकों में फायर ब्रिगेड भी सक्रिय है।

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