रुद्रप्रयाग:खंड विकास सभागार ऊखीमठ में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली के तत्त्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रुद्रप्रयाग द्वारा एक दिवसीय विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुभारंभ करते हुए सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती अनामिका सिंह ने कहा कि जब तक महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी नहीं हो जाती तब तक उनका पूर्ण विकास संभव नहीं है।
ऊखीमठ के सिविल जज श्री रोहित पांडे ने कहा कि घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम-2005 द्वारा महिलाओं को कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं। यदि महिकाओं के साथ किसी प्रकार की हिंसा की जाती है तो वह इस अधिनियम के अंतर्गत अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए तहसीलदार ऊखीमठ दीवान सिंह राणा ने कहा कि महिलाएं अब सशक्त और जागरुक हो गई हैं और वो हर क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी कर रही हैं। रिसोर्स पर्सन के रूप में वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट द्वारा महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई तथा वन स्टॉप सेन्टर योजना तथा राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन 181 के बारे में बताया गया।
रिसोर्स पर्सन शिविर रिटेनर वकील श्रीमती यशोदा द्वारा साइबर क्राइम की जानकारी प्रदान की गई। जागरुकता शिविर में अधिवक्ता महावीर बुटोला सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं, पीएलबी, आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकत्री उपस्थित थीं।