देहरादून :करीब डेढ़ साल बाद धामी सरकार ने उत्तराखंड भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड को बहाल कर दिया है। इसमें छह सदस्यों की तैनाती की गई है। बोर्ड बनने से श्रमिकों की कल्याणकारी योजनाओं में तेजी आ जाएगी।
सचिव श्रम आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक, कर्मकार बोर्ड सचिव श्रम की अध्यक्षता में काम करेगा। इसमें राज्य सरकार की ओर से सचिव वित्त या उनके नामित अधिकारी, सचिव न्याय या उनके नामित अधिकारी और बोर्ड के मुख्य निरीक्षक बतौर राज्य सरकार के प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
नियोजकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चांदमाटी, काठगोदाम निवासी देवेश भट्ट, किशनपुर किच्छा निवासी त्रिलोक सिंह नेगी और देहरादून के टर्नर रोड निवासी मोहम्मद इकराम को सदस्य नामित किया गया है।
कर्मकार बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने के लिए तपोवन चमोली निवासी कृष्णमणि थपलियाल, वसंत विहार हल्द्वानी निवासी शेखरानंद पांडे और अदालीखाल धूमाकोट निवासी नीलम मैंदोलिया को सदस्य नामित किया गया है। बोर्ड में पहले विभागीय मंत्री को अध्यक्ष नामित किया जाता था,
फिलहाल श्रम विभाग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास होने के नाते सचिव श्रम को अध्यक्ष बनाया गया है। आपको बता दें कि घोटाला और पूर्व श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के विवादों के बाद शमशेर सिंह सत्याल को सरकार ने बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था। बाद में उन्हें भी हटाते हुए बोर्ड भंग कर दिया गया था। अब नए सिरे से बोर्ड काम करेगा।
प्रदेश में वर्ष 2017 में श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी देख रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों पर शासन ने अक्तूबर 2020 में हरक सिंह रावत को अध्यक्ष पद से हटाकर शमशेर सिंह सत्याल को जिम्मेदारी दे दी थी। सत्याल को त्रिवेंद्र का करीबी माना जाता था। हालांकि, तब हरक ने उन्हें हटाने का विरोध किया था। बाद में त्रिवेंद्र सरकार ने बोर्ड का नए सिरे से गठन कर दिया।
सत्याल की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने नवंबर में पिछले बोर्ड के फैसले पलट दिए थे। इस बीच मुख्यमंत्री पद पर पुष्कर सिंह धामी के आने के बाद हरक सिंह रावत ने सत्याल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उसके बाद सरकार ने 29 सितंबर 2021 को बोर्ड दोबारा भंग करते हुए सत्याल को हटा दिया था।
कर्मकार बोर्ड में साइकिल आवंटन घोटाला, विभिन्न योजनाओं के भुगतान में गड़बड़ी, बोर्ड के सचिव पद पर कार्यरत अधिकारियों के विवाद, ईएसआई अस्पताल जैसे तमाम विवादों से उबरकर अब बोर्ड की नई टीम के सामने श्रमिकों के कल्याण में काम करने की चुनौती होगी। सचिव श्रम आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि जल्द ही बोर्ड की पहली बैठक बुलाई जाएगी।