ओमिक्रॉन से युवाओं को ज्यादा खतरा!

जोहानसबर्ग: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने एक बार फिर दुनिया में सनसनी फैला दी है। 20 से अधिक देशों में इसके मामले पाए जाने की पुष्टि हुई है। इस नए वेरिएंट के मामले में दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन कितना घातक है और इसका लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा फिलहाल यह कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट ने अब तक ज्यादातर युवा लोगों को प्रभावित किया है।

वैज्ञानिकों ने यह भी चेतावनी दी है कि अभी यह निर्धारित करना जल्दबाजी होगी कि ओमिक्रॉन केवल हल्की बीमारी का कारण बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि हम इसके बारे में और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। दो से तीन हफ्तों के बाद ही हम इसके बारे में अधिक जान पाएंगे।

उन्होंने कहा कि कुछ मरीज भर्ती हुए हैं और ये सभी युवा हैं, जिनकी आयु 40 या इससे कम है। उधर, एनआईसीडी में सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी और प्रतिक्रिया के प्रमुख मिशेल ग्रोम का कहना है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का शिकार ज्यादातर कम उम्र के लोग हुए हैं। मगर हम वृद्धावस्था समूहों में भी इसकी पड़ताल करना शुरू कर चुके हैं।

इससे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज ने कहा था कि पिछले 24 घंटों में दक्षिण अफ्रीका में नए मामलों की दैनिक संख्या लगभग दोगुनी होकर 8,561 हो गई है। ओमिक्रॉन अब तक देश में प्रमुख स्ट्रेन है।

दक्षिण अफ्रीकी सरकार और वैज्ञानिकों ने 25 नवंबर को कोरोना के नए वैरिएंट की घोषणा की थी। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने इसे ओमिक्रॉन का नाम दिया था। नए वेरिएंट का पता लगने के बाद अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, इस्राइल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों ने कई दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पर रोक लगा दी थी। वहीं, कुछ देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *