देहरदून : पुलिस ने रजिस्ट्रार ऑफिस के अभिलेखों में धोखाधडी कर करोडो रू0 की जमीनों की खरीद फरोख्त करने वाले अन्तर्राज्जीय गिरोह के 03 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है।बीते माह वादी संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून व जिलाधिकारी ने कोतवाली नगर देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया था।
इस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा उपरोक्त प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अपराध सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में एस0आई0टी0 टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 50 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की तथा पूछताछ में कुछ प्रोप्रटी डीलर के नाम प्रकाश में आये।
जिनसे गहन पूछताछ में उक्त फर्जीवाडे में वकील इमरान का नाम प्रमुखता से आया। साथ ही फर्जी रजिस्ट्री करने वाले सन्तोष अग्रवाल व दीपचन्द अग्रवाल के नाम भी प्रकाश में आये है। इन लोगो द्वारा बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर कई फर्जीवाडे का होना पाया गया । साथ ही इनके कई बैंक एकाउण्टों में करोडो रूपयो का लेन देन होना पाया गया। इसके पुलिस ने इनके ठिकानों पर दबिश दी तो सभी लोग पूर्व से फरार होना पाये गये।
आखिरकार शनिवार को पुलिस ने आरोपी सन्तोष अग्रवाल उम्र 49 वर्ष पुत्र स्व0 पन्ना लाल अग्रवाल निवासी ग्राम चाल खोवा बोगी विल डिबरूगढ आसाम हाल ग्राम आमगुरी थाना बिजनी जनपद चिंरांज बी0 टी0 ए0 डी0 आसाम व दीप चन्द अग्रवाल उम्र 42 वर्ष पुत्र स्व0 मोतीलाल अग्रवाल निवासी चाल खोवा हाल निवास छापरी वार्ड न0 08 मानिकपुर जनपद डिब्रूगढ आसाम को शिमला पाईपास से गिरफ्तार किया जिनसे पूछताछ में रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द व अन्य लोगो का नाम प्रकाश मे आया। तथा पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अभि0 डालचन्द बन्नू स्कूल के पास रेसकोर्स से गिरफ्तार कर लिया।
सन्तोष अग्रवाल व दीपचन्द अग्रवाल पुत्र स्व0 पन्ना लाल अग्रवाल निवासी ग्राम चाल खोवा बोगी विल डिबरूगढ आसाम ने पूछताछ में बताया कि उनका लकडी व कोयला का काम था जिसके सिलसिले में मैं अकसर सहारनपुर के0पी0 सिंह के पास आते जाते थे।
वर्ष 2019 में उनकी मुलाकात के0पी सिंह के माध्यम से इमरान वकील से हुई जिसने उन्हें देहरादून आने के लिए बोला था जिस पर वह देहरादून में इमरान वकील से मिले जिसने उन्हे बताया कि देहरादून में कई जमीने कई वर्षों से बीना वारिस के लावारिस पडी है।
उनमें से कुछ जमीन वह उनके नाम करा सकता है जिसमें उन्हे लाखों करोडो का फायदा होगा इसके बाद इमरान ने उन्हें कुछ जमीनों के कागजात दिखायें और उन्होंने कुछ जमीन उनके नाम पर कागज बनाये। इमरान ने अपनी गारण्टी ली कि वह हमें कभी फंसने नहीं देगा फिर इमरान ने एक रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारी डाल चन्द से मिलवाया
जिसने भी मुझे पूर्ण आश्वासन दिया हम पैसों के लालच में इनकी बातों में आ गये इसके बाद इमरान ने मुझसे मेरे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड औऱ मेरे माता –पिता का डैथ सार्टिफिकेट मंगवाया फिर इमरान ने हमारे नाम से रिंग रोड की जमीन के कागज बनवाये इन कागजों को बनवाने में अर्पित चावला वकील भी इमरान के साथ मिला है।
इन लोगो ने महन्त इन्द्रिश हॉस्पिटल के आस-पास मुझे एक कमरा किराये पर दिलाया इन लोगों ने मुझे बताया था कि जो भी बात करेंगे वो हम ही करेंगे तुम कुछ नही बोलोगे। इन लोगो ने मेरे दो खाते कोटक महिन्द्रा व एक्सिस बैंक में खुलवाये जिसके चैक बुक पर हमारे साईन कराकर इमरान ने अपने पास रख लिये थे।
जब रिंग रोड की जमीन कागजों में हमारे नाम हो गयी इसके बाद ये लोग राजपुर रोड में जमीन का सौदा करने के लिये हमें ले गये ,जहां पर इमरान का साथी सहनवाज भी था इन लोगों ने प्रोपर्टी डीलर गोपाल ,सैनी, गुलेरिया व शहजाद से जमीन का सौदा करवाया
जिसमें 25-30 लाख रूपये नकद लिए और कुछ चैकों से रकम इमरान ने लिये इसके बाद वर्ष 2021-22 में इन लोगो ने विभिन्न लोगों से मेरे से रजिस्ट्री करवायी ब्लैक के सारे पैसे इमरान ही रखता था और जो रजिस्ट्री के रूपये चैको के माध्यम से मेरे एकाउण्ट में आते थे वह भी पूरे पूरे इमरान ही निकाल लेता था। इन लोगों ने मुझे करीब 25-30 लाख रूपये नकद दिये थे ।
इमरान और सहनवाज की रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में नियुक्त डाल चन्द से अच्छी बातचीत थी और इन लोगों ने जमीन सम्बन्धी जो भी कागजात बनाये और रजिस्ट्रार कार्यालय मे लगाये व सभी डालचन्द के साथ मिलकर किये थे इनके साथ और कई लोग भी उठते बैठते थे जिनकों मैं नाम से नही जानता हूं।
डालचन्द पुत्र चौखे सिंह निवासी 28 ए ब्लाक नई बस्ती रेसकोर्स थाना नेहरू कालोनी देहरादून उम्र 58 वर्ष ने पूछताछ में बताया कि वह रजिस्ट्रार कार्यालय में बाईन्डर आदि का कार्य करता था उसे इमरान ने लालच देकर कुछ पुरानी जमीनों के असली कागजात को जिल्द बही से निकालकर फर्जी कागजात लगवाये क्योंकि रिकॉर्ड रूम में उसका आना जाना था उसे सभी पुरानी जमीनों के कागजातो के बारे मे अच्छी जानकारी थी ।