अमेजन में 100 डॉल्फिन की मौत

ब्राजील:ब्राजील के अमेजन इलाके में ऐतिहासिक सूखा पड़ा है। यहां तालाबों और झीलों में पानी का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। कुछ जगहों पर पानी का तापमान 102 डिग्री फैरेनहाइट यानी 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया है। इस बीच पिछले सात दिनों में यहां की लेक टेफे में सौ से ज्यादा डॉल्फिन मरी हुई मिली हैं।

वैज्ञानिकों ने इसे असामान्य बताया है। उनके मुताबिक झील का तापमान और अमेजन में पड़ा ऐतिहासिक सूखा इसका कारण हो सकता है। दुनिया का सबसे बड़ा जलमार्ग अमेजन नदी, इस समय शुष्क मौसम के दौर से गुजर रही है, इसका असर नदी में रहने वाले जीवों पर भी पड़ रहा है।

एक वक्त तक तस्वीर में दिखाई दे रहे पूरे इलाके में पानी रहता था। जो तापमान की वजह से सूखता जा रहा है।
एक वक्त तक तस्वीर में दिखाई दे रहे पूरे इलाके में पानी रहता था। जो तापमान की वजह से सूखता जा रहा है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक डॉलफिन्स को बचाने के लिए उन्हें दूसरी झीलों और तालाबों में शिफ्ट किया जा रहा है। जहां पानी कम गर्म है। इस काम में लगे रिसर्चर के मुताबिक ये आसान नहीं है। इन्हें शिफ्ट करने से पहले ये देखना पड़ता है कि दूसरी नदी में किसी तरह का खतरनाक वायरस और टॉक्सिक मटेरियल तो नहीं हैं।

अमेजन रिवर में मृत पाई गई पिंक डॉल्फिन की है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनके मरने की वजह नजदीकी इलाकों में हो रही गोल्ड माइनिंग भी है। वहां के केमिकल्स को नदियों में डाल दिया जाता है।5.5 मिलियन स्कवेयर किलोमीटर में फैला अमेजन ट्रोपिकल रेनफोरेस्ट है। यहां फिलहाल सूखे की वजह से 1 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।

डॉल्फिन भी ह्वेल मछली की तरह स्तनधारी जलीय जीव है। यह पानी में 990 फीट गहराई तक जा सकती है और पानी से 20 फीट उपर तक उछल सकती है। दुर्लभ जलीय जीव की श्रेणी में आने के बाद इसके संरक्षण पर काम होने लगा है। हालांकि डॉल्फिन को ज्यादा डर नदी तट पर बसे मछुआरों से है। जिनके जालो में डॉल्फिन आ जाती हैं। इन्हें सुरक्षित करने के लिए लोगों के अंदर जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है।

यूक्रेन से जंग के बीच रूस ने अब डॉल्फिन मछलियों को भी मैदान में उतार दिया है। रूसी सेना ने इन मछलियों को ट्रेनिंग देकर काला सागर के नौसैनिक अड्डों पर निगरानी करने के लिए तैनात किया है। यह खुलासा अमेरिका के यूएस नेवल इंस्टीट्यूट (USNI) ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *