रुद्रप्रयाग:रुद्रप्रयाग में द्वितीय केदार मद्महेश्वर पैदल मार्ग से लेकर मंदिर तक फंसे 250 श्रद्धालुओं में से 40 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है। ऊखीमठ एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने बताया कि रविवार रात को हुई मूसलाधार बारिश से मद्महेश्वर पैदल मार्ग पर बणतोली के पास पैदल पुल बह गया था। अन्य लोगों को भी जल्द रेस्क्यू कर दिया जाएगा।
रविनार को बारिश से द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर मंदिर को जोड़ने वाला गौंडार-मद्महेश्वर पैदल मार्ग पर बणतोली के पास सरस्वती (मोरकंडा) नदी पर बना पुल बह गया था। पुल के बहने से पैदल मार्ग से लेकर मंदिर तक 250 से अधिक श्रद्धालु फंसे गए। प्रशासन ने सभी यात्रियों से नदी का जलस्तर कम होने तक वहीं रुकने की अपील की थी। रविवार रात दो से सोमवार सुबह सात बजे तक मद्महेश्वर घाटी में भारी बारिश हुई थी।
पांच घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश से गाड़-गदेरों के साथ ही मधु गंगा और सरस्वती नदी में मलबा आने से जलस्तर बढ़ गया। इससे सरस्वती नदी पर बना पैदल स्टील गार्डर पुल का एक हिस्सा बह गया। पुल के बहने से द्वितीय केदार मद्महेश्वर का गौंडार गांव सहित तहसील मुख्यालय ऊखीमठ व जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से संपर्क कट गया है। साथ ही द्वितीय केदार की यात्रा भी ठप हो गई है। वहीं, पुल के दूसरे छोर से लेकर मंदिर तक 250 श्रद्धालु भी फंस गए थे। हालांकि इसमें से 40 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है।