सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूर, पाइप से दिया जा रहा खाना

उत्तरकाशी।:उत्तरकाशी में सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसमें फंसे 40 श्रमिकों के पल-पल अपडेट जानने के लिए यहां जुड़े रहें। इस लाइव ब्लॉग में उत्तरकाशी सुरंग हादसे से जुड़ी अपडेट दी जाएगी।

दीपावली के दिन उत्तरकाशी में बड़ा हादसा हुआ। सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से टनल में कार्यरत 40 श्रमिक अंदर रह गए। 24 घंटे से अधिक समय बीतने पर भी श्रमिकों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। बचाव कार्य जारी हैं।

सुरंग में श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रात भर रेस्क्यू अभियान चला। श्रमिकों से वॉकी टॉकी के जरिये संपर्क जुड़ा है और वे सभी सुरक्षित हैं। मजदूरों ने खाने की मांग की है, जिन्हें पाइप के जरिए खाना भिजवाया जा रहा है‌। विक्टिम्स तक की दूरी 60 मीटर के करीब है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा के पास अस्थाई हेलीपैड पर पहुंचे। वहां मौजूद अधिकारियों से रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडे भी मुख्यमंत्री के साथ मौजूद हैं. सिलक्यारा सुरंग में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं।

उत्तरकाशी टनल हादसे पर एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट करमवीर सिंह भंडारी ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी 40 मजदूर सुरक्षित हैं। हमने उन्हें पानी और खाना भिजवा दिया गया है और लगातार बचाव कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि मलबा होने के कारण हमें रेस्क्यू में थोड़ी दिक्कत हो रही है लेकिन हमारी टीम कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी थोड़ी देर में उत्तरकाशी के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री सुरंग में हुए भूस्खलन की घटना का स्थलीय निरीक्षण और राहत एवं बचाव की समीक्षा करेंगे।

सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को 24 घंटे से अधिक का समय हो गया है। सुरंग में 40 श्रमिक फंसे हुए हैं। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रात भर रेस्क्यू अभियान चला। फंसे श्रमिकों से वॉकी टॉकी के जरिये संपर्क जुड़ा है। श्रमिकों ने बताया कि वह सुरक्षित हैं तथा भोजन की मांग की है। शॉर्ट क्रिएटिंग मशीन के द्वारा कैविटी से गिर रहे मलबे को रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन वह सफल नहीं हो पा रहा है।

टनल के अंदर यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से कम्युनिकेशन स्थापित करने का काम भी लिया जा रहा है। पहले टनल में फंसे मजदूर तक संदेश भेजने के लिए कागज पर लिखे संदेश की पर्ची पाइप लाइन के जरिए भेजी गई थी और अब ठीक हादसे वाले स्थल के पास से इस पाइपलाइन को खोलकर मजदूर तक संदेशों का आदान-प्रदान किया गया है।

सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य निरंतर जारी है, मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं । टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं।

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